कानपुर
2000 के नोट अब एटीएम के लायक नहीं रहे। नोटों की छंटाई के लिए बैंकों में लगीं सुपर सॉर्टिंग मशीनों ने 2000 के नोटों को एटीएम के लायक नहीं माना है। 100 नोटों में से महज 8-10 नोट ही एटीएम में इस्तेमाल लायक हैं। ये हाल देखते हुए बैंक आफ इंडिया, पीएनबी सहित कई बड़े बैंकों ने एटीएम से 2000 के कैसेट हटा दिए हैं।
आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद पहली बार 2000 के नोट आरबीआई ने छापे थे। मई 2017 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। इन 32 महीनों में सबसे ज्यादा 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में आए और इस वजह से उनकी स्थिति ज्यादा खराब हो गई। बैंकों में आई सुपर सॉर्टिंग मशीनें नोटों की छंटाई चार श्रेणियों में करती हैं। पहली श्रेणी में ‘एटीएम फिटेड' अलग किए जाते हैं। ये नोट सबसे अच्छी स्थिति में होते हैं। दूसरी श्रेणी में शाखाओं के इस्तेमाल योग्य नोट मशीन छांटती है। इसमें थोड़े गंदे नोट होते हैं, जिन्हें एटीएम के सेंसर नहीं पकड़ पाते लेकिन चलन योग्य होते हैं। तीसरी श्रेणी में कटे-फटे नोट आते हैं, जो किसी भी रूप में चलन में नहीं आ सकते। चौथी श्रेणी में मशीन नकली नोट अलग करती है।
एटीएम फिटेड नोट की संख्या बेहद सीमित है। बैंक आफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सौ नोटों की छंटाई में बमुश्किल आठ से दस नोट ही एटीएम के लायक मिल रहे हैं। बैंकों से बांटने वाले 2000ी की संख्या भी 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है। कटे-फटे-गले नोट ज्यादा हैं। सौ में 25 नोट इसी श्रेणी के हैं। अभी भी 100 में से 15 नोट नकली पाए जा रहे हैं। यही वजह है कि एटीएम से 2000 के नोटों की कैसेट ज्यादातर बैंक हटा रहे हैं। 2000 के कैसेट की जगह 200 और 500 के नोटों को भरा जा रहा है। इन नोटों के हिसाब से एटीएम में व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं।