अलीगढ़
शाहजमाल ईदगाह के बाहर नागरिकता कानून के विरोध में धरने का माहौल चौथे दिन भी गरम रहा। शनिवार (1 फरवरी) को धरने पर कुछ लोगों ने बड़ा तिरंगा लगाने का प्रयास किया, लेकिन इस पर चक्र न देखकर पुलिस कर्मियों ने इसे लगाने से रोक दिया। झंडा लगा रहे लोगों से इसे छीन लिया। इस पर लोगों के साथ ही महिलाएं भी भड़क गईं। पुलिस से धक्कामुक्की ओर तीखी झड़पें भी हुईं। एसपी सिटी ने बमुश्किल महिलाओं को शांत कराया।
शाहजमाल ईदगाह पर चल रहे धरने पर शनिवार को वैसे तो दिन भर महिलाएं शांत रहीं। रुक-रुककर नारेबाजी की। धरनास्थल पर ही नमाज अदा करके कुरान ख्वानी की और यहीं दुआ भी हुई, लेकिन शाम को माहौल गरम हो गया। हुआ यूं कि धरने पर कुछ लोगों ने एक बढ़ा झंडा लगाने का प्रयास किया। झंडा देखकर पुलिस ने इसे रोक दिया। लोगों से कहा कि ये राष्ट्रीय ध्वज नहीं है, लिहाजा इसे नहीं लगा सकते। इस पर चक्र बना नहीं है, ये कहते हुए पुलिस ने लोगों से झंडा ले लिया।
पुलिस के झंडा उतारते ही लोग भड़क गए। उन्होंने पुलिस से उलझना शुरू कर दिया। इस दौरान धक्का मुक्की भी हुई। माहौल को गरमाते देख धरने पर बैठी महिलाओं ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख मौके पर पहुंचे एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस से उनकी नोकझोंक भी हुई, काफी देर समझाने के बाद महिलाएं शांत हुईं।
महिला के बेहोश होते ही फिर हुई नारेबाजी
झंडा लगाने को लेकर हंगामा पूरी तरह शांत नहीं हो पाया था कि धरना स्थल पर बैठी एक महिला बेहोश हो गई। पुलिस कुछ समझती तब तक आसपास खड़े लोगों में दो बाइक सवार महिला को बाइक पर लेकर ही नजदीकी अस्पताल पहुंच गए। इस पर एक बार फिर महिलाओं ने नारेबाजी करके तल्खी दिखाई।
शाहजमाल से हटाया अतिरिक्त पुलिस बल
शुक्रवार (31 जनवरी) को शाहजमाल धरनास्थल पर भारी तादात में लोग जमा होने पर बड़ी मात्रा में आरएएफ, पीएसी संग अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। शनिवार को अफसरों ने यहां से अतिरिक्त पुलिस बल के साथ आरएएफ और पीएसी को भी हटा दिया। सुरक्षा के लिहाज से महिला थाना इंस्पेक्टर संग महिला पुलिसकर्मी व देहली गेट पुलिस को रखा गया है।