देश

बजट में किए गए ऐलानों से उम्मीदों को लगा झटका, सबसे ज्यादा निराशा ऑटो इंडस्ट्री को

 नई दिल्ली 
बजट में किए गए ऐलानों का असर आने वाले दिनों में भले अर्थव्यवस्था को कुछ रफ्तार के तौर पर देख जा सकता है, लेकिन फिलहाल उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने यह प्रतिक्रिया दी है। सबसे ज्यादा निराशा ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री को हुई है।

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मौन्यफैक्चरर्स यानि सियाम के प्रेसिडेंट राजन वढ़ेरा ने हिन्दुस्तान को बताया कि ये वो बजट नहीं था जिसकी उन्हें उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि बजट से उम्मीद की जा रही थी कि सरकार कुछ सीधी फायदे इंडस्ट्री को देगी जिससे मांग बढ़ेगी और इंडस्ट्री मौजूदा मंदी के दौर से उबर पाएगी लेकिन बजट भाषण से सारी बातें नदारद रहीं।

एचडीएफसी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट अभीक बरुआ ने हिन्दुस्तान को बताया है कि सरकार ने खर्च में अगले वित्तवर्ष में 13 फीसदी इजाफे का ऐलान किया है। उनके मुताबिक ये खर्च मौजूदा अर्थिक हालात के हिसाब से अच्छा स्टिमुलस नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को आने वाले दिनों में ऐलानों पर और सफाई देने से हालात कुछ बदल सकते हैं। 

पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड से चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर श्रीनिवास राव के मुताबिक बजट से ज्यादा उम्मीदें अब नहीं करनी चाहिए। सरकार ने पिछले कई सालों में बजट से बाद भी तमाम बड़े ऐलान किए हैं जिनका अर्थ्यवस्था पर प्रभाव देखने को मिला है। इस बार बजट से तमाम स्टिमुलस पैकेज को लेकर उम्मीदें लगी हुई थीं जिनको निश्चित तौर पर झटका लगा है। उन्होंने ये भी कहा कि देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के खर्च से जुड़ी बड़ी घोषणा का ऐलान न होना भी चिंताजनक रहा। 

पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के टेलिकॉम कमेटी के प्रमुख संदीप अग्रवाल ने हिन्दुस्तान को बताया है कि सरकार ने भारतनेट के लिए जो ऐलान किए हैं वो देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार की तरफ से और निवेश की जरूरत है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि मेकइन इंडिया के जरिए उत्पादन करने से ही देश को असली फायदा होगा। असेंबलिंग यूनिटें लगाने से मेक इन इंडिया की तुलना में कम मुनाफा होगा।

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment