रायपुर
नि:शक्तजन घोटाला मामले को लेकर सरकार का रूख स्पष्ट नहीं हो पा रहा है.जानकारों का कहना है कि राज्य शासन पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेंगी। इसकी वजह यह है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकालों में हुआ है, उसकी शिकायत पिछली सरकार के रहते हुई, पिछली सरकार के मुख्य सचिव ने इसकी जांच करके रिपोर्ट अदालत को दी, और हाईकोर्ट में पिछली सरकार के महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखा। इस सरकार का पूरे मामले से कोई भी लेना-देना नहीं है, और पिछली सरकार ने जब यह मामला लड़ा था, और उन्हीं तथ्यों और तर्कों के आधार पर अदालत का फैसला हुआ है तो इस सरकार के पास उसके खिलाफ पुनर्विचार में जाने की न तो कोई वजह है, और न ही ऐसे कोई तथ्य हैं। राज्य के महाधिवक्ता सतीशचन्द्र वर्मा ने कहा कि ये अधिकारी निजी हैसियत से ऐसी याचिका दायर करने का हक रखते हैं चूंकि फैसले में उनके नाम लिखे गए हैं। उन्होंने राज्य शासन के रूख के बारे में कुछ कहने से इंकार कर दिया।