राजनीति

बजट 2020: पहले देश की अर्थव्‍यवस्‍था आईसीयू में थी बजट के बाद वेंटिलेटर पर चली गई: ममता के मंत्री 

 
नई दिल्‍ली

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स, शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर बैंक में जमा आपके पैसों की गारंटी सहित कई मोर्चों पर निर्मला सीतारमण ने बड़े ऐलान किए। लेकिन आम बजट पर घरेलू शेयर बाजार की बड़ी निराशाजनक प्रतिक्रिया देखने को मिली। बजट के बाद सेंसेक्स लगभग 1000 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं पश्चिम बंगाल के वित्‍त मंत्री अमित मित्रा ने बजट को जनविरोधी बताते हुए कहा कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था पहले ही आईसीयू में थी बजट के बाद वह वेंटिलेटर पर चली गई।

मित्रा ने शनिवार को कहा, बजट के पहले भारत की अर्थव्‍यवस्‍था आईसीयू में थी, लेकिन अब बजट के बाद मैं तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कहता हूं कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था अब वेंटिलेटर पर है, उसे सांस लेने में भी दिक्‍कत हो रही है।' मित्रा ने स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा पर बजट आवंटन में कटौती करने की भी कड़ी आलोचना की।
 
'साहसिक सुधारों की कमी, मजबूर बजट'
दूसरी तरफ उद्योग से भी मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। उद्योगों के एक वर्ग का मानना था कि बजट में आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये ‘साहसिक सुधारों’ की कमी है, वहीं कुछ का मानना था कि असल में वित्त मंत्री के सामने ठोस सुधारों को लेकर गुंजाइश बहुत कम थी। निवेशकों को बजट से जो उम्मीदें थीं, वे भी इस बजट से पूरी होती नहीं दिखाई दीं, क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र और रियल एस्टेट सेक्टर को कोई खास प्रोत्साहन नहीं मिला है।

वंचितों, गरीबों की चिंता वाला बजट बताया
सीतारमण ने नई सदी का पहला बजट पेश करते हुए उसे आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास और वंचितों और गरीबों की चिंता करने वाला समाज के ईदगिर्द तैयार किया गया बजट बताया। बायकोन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट करके कहा, ‘हालांकि, बजट को लेकर मेरी त्वरित प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है, लेकिन अब जबकि मैंने इस पर गौर किया है तो मुझे मजबूत आर्थिक सुधार की उम्मीद कम लगती है। लाभांश वितरण कर हटने से व्यक्तिगत करदाताओं को नुकसान होगा और इससे उपभोक्ता खर्च प्रभावित होगा। बजट में कोई निर्यात प्रोत्साहन क्यों नहीं दिया गया?'
 

किसानों की आय दोगुनी करने की कोशिशों की तारीफ
डॉ. रेड्डीज लैबरेटरीज के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा, ‘इस बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें थी। अर्थव्यवस्था की स्थिति देखते हुये यह बड़े सुधारों की पहल करने का मौका था जिसमें वित्त मंत्री चूक गईं। इस लिहाज से कुछ मामलों में बजट से निराशा हुई।’ डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा बजट प्रस्तावों से ग्रामीण उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता बढ़ेगी।
 
'कठिन हालात में तैयार किया बजट'
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने वित्त मंत्री का यह कहते हुये बचाव किया कि सीतारमण को बहुत कठिन परिस्थितियों में यह बजट तैयार करना पड़ा है। उन्होंने कठिन वित्तीय स्थिति के बीच निवेश और खपत को बढ़ाने के लिये ऊंची सरकारी व्यय जरूरतों को पूरा करने में संतुलन साधा है।

'कारोबारियों का विश्‍वास बढ़ाने की ओर बड़ी पहल'
भारती एंटरप्राइजिज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि उन्हें इस बजट से सबसे बड़ा सबक यही मिला है कि ‘संपत्ति का सृजन करने वालों को सम्मान दिया जायेगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यह कारोबारियों का विश्वास बढ़ाने और उद्यमशीलता की बेहतरी की दिशा में बड़ी पहल है। इससे संकेत मिलता है कि सरकार नया भारत बनाने को लेकर गंभीर है जिसमें कि भारत का उद्याग जगत और नई प्रौद्योगिकी के उद्यम साझीदार होंगे।

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