नई दिल्ली
पीएमसी बैंक घोटाले के सामने आने के बाद से बैंकों में ग्राहकों की जमा राशि के भविष्य को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इस बहस के बीच आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, बैंक खातों में जमा रकम पर इंश्योरेंस गारंटी की सीमा बढ़ा दी गई है.
इसका मतलब क्या है?
अगर कोई बैंक डूब जाता है तो उसके जमाकर्ताओं को अधिकतम 1 लाख रुपये की राशि सरकार देती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आम बजट में ऐलान के बाद अब बैंकों में जमा रकम पर अब 5 लाख रुपये की इंश्योरेंस गारंटी मिलेगी. बजट में ये भी कहा गया है कि जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हो, इसके लिए एक बेहतरीन तंत्र बनाया जा रहा है. बैंकों का विलय इसी दिशा में कदम है. उन्होंने कहा कि IDBI बैंक में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.
लंबे समय से हाे रही थी मांग
इस बीमा को बढ़ाने की मांग काफी समय से की जा रही थी, क्योंकि अब के समय के हिसाब से 1 लाख रुपये की राशि ज्यादा नहीं है और सुरक्षित निवेश होने के नाते ज्यादातर लोग अपनी गाढ़ी कमाई बैंकों में ही रखते हैं. PMC घोटाले के बाद एक बार फिर इस मांग ने जोर पकड़ा था कि बीमा राशि को बढ़ाया जाए. पीएमसी बैंक में तो कई ग्राहकों के करोड़ों रुपये तक जमा हैं.
इसे देखते हुए अक्टूबर में आजतक के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि बैंक में डिपॉजिट 1 लाख से ज्यादा की रकम को इंश्योरेंस के दायरे में लाने पर वित्त मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है. उन्होंने कहा था कि डिपॉजिटर इश्योरेंस स्कीम एक्ट में डिपॉजिट की सीमा बढ़नी चाहिए और इस पर काम किया जा रहा है.