छत्तीसगढ़

बजट से आर्थिक असमानता और बढ़ेगी – पराते

रायपुर
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को बजट पेश किया गया। बजट को लेकर राजधानी में विविध प्रतिक्रियाएं सामने आई। माकपा ने इस बजट को जहां आम जनता पर कहर ढालने वाला बजट बताया वहीं चेम्बर आफ कार्मस ने बजट का स्वागत किया है।

माकपा ने संसद में पेश बजट को कॉपोर्रेट क्षेत्र को राहत देने और आम जनता पर कहर ढाने वाला बजट करार दिया है।  देश में व्याप्त मंदी से उबरने की कोई कोशिश इस बजट में नहीं है और यही कारण है कि सेंसेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बजट में बेरोजगारी के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी के बारे में विभिन्न आयोगों की और फसलों के समर्थन मूल्य के बारे में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए यह सरकार तैयार नहीं है।
माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा इस बजट में निजीकरण और विनिवेशीकरण की जो खुराक पेश की गई है, यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार आम जनता के प्रति अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है। जीवन बीमा को बेचने और स्वास्थ्य के क्षेत्र के निजीकरण की घोषणा से आम जनता का जीवन पूरी तरह से बर्बाद होगा।बजट में आर्थिक मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था, कृषि संकट झेल रहे किसानों, औद्योगिक बदहाली से तंगहाल उद्योगों और बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है। कुल मिलाकर यह बजट देश में आर्थिक असमानता को और चौड़ा करेगा।

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