जबलपुर
आॅफर लैटर लेकर अमानत राशि जमा करने में आनाकानी कर रहे रेत ठेकेदारों पर खनिज विभाग परेशान है। दरअसल, नीलामी के बाद शासन को अब तक कुल 43 जिला क्लस्टर्स से करीबन 650 करोड़ रुपए प्राप्त हो जाना था, लेकिन अब तक विभाग के खाते में ले-देकर 430 करोड़ रुपया ही आ सका है। इसका प्रमुख कारण शेष रह गए जिलों में चल रही तमाम तरह की दिक्कतों के साथ ठेकेदार कम्पनियों द्वारा की जा रही बदमाशी है। इससे निपटने आज प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने सफल -असफल ठेकेदारों को भोपाल तलब किया
खबर है कि प्रमुख सचिव सहित अन्य आला अधिकारी इन ठेकेदारों से यह पूछने वाले हैं कि आखिर करना क्या है? यदि ठेका संचालन में दिक्कत है तो क्या ठेका छोड़ना है या स्थानीय जिला प्रशासन के साथ आपका समन्वय नहीं बन पा रहा। यदि सब ठीक है तो अमानत की राशि जमा करने में विलम्ब क्यों किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो शेष रह गए जिलों में सीधी,सिंगरौली,छिंदवाड़ा हैं तो सीहोर,रायसेन और होशंगाबाद भी इसी लाइन में हैं। आज की मीटिंग के बाद इन जिलों के ठेकेदारों को 9 फरवरी तक के लिए लास्ट अल्टीमेटम दिया जा सकता है।
बता दें कि 43 जिला क्लस्टर बना कर नीलाम की गई रेत खदानों में 40 ही नीलाम हो सकी थीं, उस पर भी मात्र 30 जिलों से ही अमानत राशि खनिज साधन विभाग को प्राप्त हुई थी। शेष रह गए 10 जिलों के ठेकेदार से विभाग पत्राचार कर-कर के परेशान है। उल्लेखनीय है कि रेत नियम 2019 के तहत निविदा कार्रवाई पूरी कर एलओआई जारी करने तथा एलओआई प्राप्त ठेकेदारों द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। इस कार्य में गति लाने प्रमुख सचिव सहित जिलेवार संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म तथा राज्य खनिज निगम के अफसर सहित ठेकेदारों को आज भोपाल बुलाया गया है।