नई दिल्ली
आम बजट पेश होने से पहले आर्थिक मोर्चे पर एक और बड़ी खुशखबरी मिली है. दरअसल, न्यूज एजेंसी पीटीआई से वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि जनवरी में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी कलेक्शन 1.10 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है.
उच्चतम स्तर पर कलेक्शन
जुलाई 2017 में देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद यह कलेक्शन दूसरा उच्चतम स्तर होगा. इससे पहले अप्रैल 2019 में 1.13 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन दर्ज किया गया था, जो अब तक का उच्चतम स्तर है. वहीं यह लगातार तीसरा महीना है, जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये के पार होगा. यहां बता दें कि बीते साल दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 3 हजार 184 करोड़ रुपये रहा. इससे पहले नवंबर में जीएसटी कलेक्शन कुल 1,03,492 करोड़ रुपये रहा था.
हाल ही में टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटी कलेक्शन के लक्ष्य में इजाफा कर दिया है. फरवरी के लिए जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य 1.15 लाख करोड़ रुपये और मार्च के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है. डिपार्टमेंट ने धोखाधड़ी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों पर लगाम लगाकर यह लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है.
इन दो महीनों में कलेक्शन बढ़ाने के लिए जीएसटी प्राधिकरण आपूर्ति और खरीद बिलों के बीच अंतर को देखेगा. इसके अलावा जीएसटी-1, जीएसटीआर-2ए और जीएसटीआर-3बी में अंतर का पता लगाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण करेगा. साथ ही रिटर्न नहीं फाइल होने, बिल बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने जैसे मामलों पर भी गौर करेगा और फर्जी तरीके से बड़े इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों पर कार्रवाई जैसे कदम उठाएगा. इसको लेकर बीते दिनों राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी.
बजट से पहले कोर इंडस्ट्री से भी राहत
बजट से एक दिन पहले शुक्रवार को दिसंबर 2019 की कोर इंडस्ट्री के आंकड़े भी जारी कर दिए गए. कोर इंडस्ट्री यानी आठ बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर दिसंबर 2019 में सुधर कर 1.3 फीसदी रही. इन आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार चार महीने की गिरावट पर ब्रेक लग गया है. वहीं चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 0.2 फीसदी रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 4.8 फीसदी थी. बता दें कि कोर सेक्टर के 8 प्रमुख उद्योग होते हैं.