लंदन
ब्रिटेन शुक्रवार रात वैश्विक समयानुसार 11 बजे ( भारतीय समयानुसार शनिवार सुबह लगभग साढ़े चार बजे) यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग हो गया। इस तरह ब्रिटेन ईयू से अलग होने वाला पहला देश बन गया है। ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के बीच करीब 47 साल तक संबंध रहे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसे एक नए युग की शुरूआत बताया।
ब्रेक्जिट को लेकर जनमत संग्रह के करीब साढे तीन साल बाद ब्रिटेन शुक्रवार को ईयू से अलग हुआ। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट में गुरुवार को एक विडियो संदेश रिकार्ड किया गया। इसे ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के पहले शुक्रवार को जारी किया गया।
ब्रेग्जिट के मुद्दे पर बने थे पीएम
कंजरवेटिव पार्टी के नेता जॉनसन पिछले साल ब्रेग्जिट यानि ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने की कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के संकल्प के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे। अब उन्होंने इसे देश की नई शुरूआत के लिए ऐतिहासिक पल बताया है। राष्ट्र के नाम जॉनसन ने कहा, 'यह बदलाव का पल है। सरकार के तौर पर हमारा काम इस देश को एकजुट रखना और इसे आगे ले जाना है। सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आज की रात कोई अंत नहीं बल्कि एक नई शुरूआत का समय है।'
साल 1973 में ब्रिटेन हुआ था शामिल
एकजुटता के संदेश के साथ जॉनसन ने उत्तरी इंग्लैंड के संडरलैंड में अपने मंत्रिमंडल की बैठक की। सबसे पहले इसी शहर ने जून 2016 में ईयू से बाहर निकलने को समर्थन देने की घोषणा की थी। साल 1973 में यूरोपीय संघ में शामिल हुआ ब्रिटेन 47 साल बाद इस समूह को अलविदा कह रहा है। इस तरह, अब ईयू 27 देशों वाला समूह होगा।
ब्रेग्जिट क्या है?
ब्रेग्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलग होना। यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन था। इन देशों के लोग आपस में किसी भी मुल्क में आ-जा सकते थे और काम कर सकते हैं। इस वजह से ये देश आपस में मुक्त व्यापार कर सकते हैं। 1973 में ब्रिटेन ईयू में शामिल हुआ था। ब्रिटेन में 23 जून, 2016 को आम जनता से वोटिंग के जरिए पूछा गया कि क्या ब्रिटेन को ईयू में रहना चाहिए, उस वक्त 52 फीसदी वोट ईयू से निकल जाने के लिए मिले। 48 फीसदी लोगों ने ईयू में बने रहने की पैरवी की। ब्रेग्जिट समर्थकों का कहना था कि देश से जुड़े फैसले देश में ही होने चाहिए। इसके बाद इस पर लंबी बहस हुई जिस पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी।