लखनऊ
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह, डीजी अभिसूचना भावेश कुमार सिंह और डीजी विशेष जांच महेन्द्र मोदी शुक्रवार को रिटायर हो जाएंगे। रिटायर होने वाले इन तीन आईपीएस अफसरों की जगह तीन आईपीएस अफसरों को डीजी पद पर प्रोन्नति मिल जाएगी। इस बीच डीजीपी पद पर नियुक्ति न हो पाने के कारण शुक्रवार को यह कार्यभार किसी वरिष्ठ डीजी को दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि स्थाई डीजीपी का चयन होने तक डीजी कानून-व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री को डीजीपी का कार्यभार सौंपा जा सकता है।
वर्ष 1983 बैच के आईपीएस ओपी सिंह 23 जनवरी 2018 से डीजीपी पद पर कार्यरत हैं। अधिवर्षता आयु पूरी हो जाने के कारण वह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। वर्ष 1986 बैच के आईपीएस महेन्द्र मोदी और वर्ष 1987 बैच के आईपीएस भावेश कुमार सिंह भी अधिवर्षता आयु पूरी होने के कारण रिटायर हो रहे हैं। डीजीपी ओपी सिंह को शुक्रवार को सुबह 9 बजे रिजर्व पुलिस लाइंस लखनऊ में आयोजित रैतिक परेड में विदाई दी जाएगी। डीजी के ये तीनों पद रिक्त होने से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से यूपी कॉडर में वापसी करने वाले एडीजी देवेन्द्र सिंह चौहान, एडीजी पॉवर कार्पोरेशन कमल सक्सेना और एडीजी ट्रैफ़िक विजय कुमार पहली फरवरी को डीजी रैंक में प्रोन्नत हो जाएंगे।
नए डीजीपी के चयन की प्रक्रिया पूरी न हो पाने के कारण फिलहाल इस पद का कार्यभार कार्यवाहक तौर पर किसी को सौंपे जाने की संभावना है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 1984 से वर्ष 1988 बैच तक के यूपी कैडर के आईपीएस अफसरों का नाम संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली को भेज दिया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इनमें से तीन नाम का चयन करने के लिए आयोग में अभी तक बैठक नहीं हो पाई है। इस बैठक में केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय के अलावा प्रदेश के मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव गृह को भी प्रतिभाग करना है। इसी बैठक में तीन नाम तय करके प्रदेश सरकार को भेजे जाने हैं। प्रदेश सरकार इन्हीं तीन नामों में से किसी एक को डीजीपी नियुक्त कर सकती है। यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी है।