भोपाल। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली आशा कार्यकर्ता अब नए जिम्मेदारियों के साथ काम करेंगी। अब तक सिर्फ गर्भवती महिलाओं की देखपरख के साथ जरूरत पडऩे पर घायल मरीजों का प्राथमिक उपचार भी कर सकेंगी।
जिकित्जा हेल्थ केयर द्वारा प्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं के लिए नया प्रोग्राम शुरू किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत 108 एंबुलेंस का मेडिकल स्टाफ आशा कार्यकर्ताओं को प्राथमिक उपचार की जानकारी जाएगी। रविवार को ट्रैनिंग सेशन शुरू किया गया। 108 के मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव तरुण सिंह ने बताया कि हमने आशा कार्यकर्ताओं को प्राथमिक उपचार के साथ इमरजेंसी प्रेग्नेंसी केस में जननी एंबुलेंस के उपयोग की जानकारी दी।
12 फीसदी बढ़ गई कॉल
तरुण सिंह के मुताबिक इस प्रोग्राम को चलते करीब एक माह से ज्यादा हो गया है। इसके बाद आशा कार्यकर्ता प्रेग्नेंसी केस के दौरान 104 को कॉल करने लगी हैं। बीते एक महीने में ही प्रदेश में जननी को कॉल किए जाने की दर में 9 फीसदी और भोपाल में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है।
आशा वर्कर का कार्य होता है कि वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रम के अंतर्गत दी जा रही स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाओं एवं लाभ आदि का पहुंच गांवों के उन जरूरतमंदों तक पहुंचाए जिन्हें इनका लाभ जानकारी और जागरूकता के आभाव में नहीं मिल पाता. गांव एवं दूरस्थ इलाकों की महिलाओं एवं बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने एवं स्वास्थ्य से सम्बन्धित जागरूकता फैलाने में आशा वर्कर बहुत सक्रिय भूमिका निभाती हैं.
गर्भावस्था के समय महिलाओं की काउंसलिंग, सुरक्षित डिलेवरी, ब्रेस्ट फीडिंग और कॉम्प्लीमेंट्री फीडिंग, इम्यूनाइजेशन, आरटीआइ और एसटीआइ जैसी समस्याओं में संक्रमण से बचाव और निरोध, आपात स्थिति में रेफेरल, आदि से लेकर पिछड़े एवं गरीब लोगों के लिए हेल्थ एक्टिविस्ट के रूप में किसी भी आशा वर्कर को कार्य करना होता है जो कि गांव में एएनएम और आंगनवाड़ी वर्कर एवं स्थानीय महिलाओं की स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर काम करती हैं.