मुंबई
भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुंबई में यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए डॉ. कफील खान ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में ही रखा जाए, यूपी न भेजा जाए। उधर, मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया है। अब उन्हें उत्तर प्रदेश वापस लाया जाएगा। बता दें कि डॉ. कफील पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ बयान देने का आरोप है।
बांद्रा कोर्ट के लिए ले जाते वक्त डॉ. कफील खान ने मीडियापर्सन से कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में ही रहने दिया जाए। उन्होंने कहा, 'मुझे गोरखपुर में बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट मिली, अब वे मुझे दोबारा फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं महाराष्ट्र सरकार से निवेदन करता हूं कि मुझे यहीं रहने दिया जाए, मुझे यूपी पुलिस पर यकीन नहीं है।'
कफील पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप
डॉ. कफील के ऊपर आईपीसी की धारा 153-ए के तहत सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया था कि छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. कफील ने बिना नाम लिए कहा कि 'मोटाभाई' सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं लेकिन इंसान बनना नहीं।
गोरखपुर मामले में सस्पेंड हो चुके हैं डॉ. कफील
डॉ. कफील ने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया। कफील ने कहा कि CAA मुस्लिमों को सेकंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा। गौरतलब है कि कफील खान को 2017 में बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड कर दिया गया था।