मुंबई
बैंकिंग और फाइनान्स स्कैम की ये पटकथा हैरान करने वाली है। मेहुल चौकसी-नीरव मोदी ने कैसे पंजाब नेशनल बैंक के 11 हजार करोड़ रुपए का वारा-न्यारा किया ये सबको पता है। अब आपको दीवान हाउसिंग फाइनान्स कंपनी लिमिटेड यानी DHFL की कहानी बताते हैं। डीएचएफएल ने साल दर साल एक दशक तक फर्जीवाड़ा किया। एक लाख से ज्यादा फर्जी खाते बनाए. इन खातों को लोन दिए गए। जांच में टोटल लोन अमाउंट 12 हजार 773 करोड़ रुपए पाया गया है।
इस पैसे को 80 शेल यानी फर्जी कंपनियों में शिफ्ट किया गया। ईडी अब इसकी जांच कर रही है। काली करतूत की दास्तान ईडी की चार्जशीट में दर्ज है। एजेंसी डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन की जांच कर रही है। हवाला रूट की जांच करते समय हैरान करने वाले सबूत सामने आए हैं। वधावन ने पब्लिक के पैसे का एक हिस्सा ड्रग माफिया इकबाल मिर्ची को दे दिया। ईडी ने बधावन को गिरफ्तार कर लिया है। उसका भाई धीरज बेल पर है।
जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया, वधावन ने वर्ली में तीन प्रॉपर्टी खरीदी। ये अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची की प्रॉपर्टी थी। दस्तावेजों के मुताबिक तीनों की कीमत 111 करोड़ रुपए है। 150 करोड़ रुपए की पेमेंट दुबई में हवाला के जरिए की गई। 79 कंपनियों के फर्जी पेपर पकड़े गए हैं। एक लाख से ज्यादा फर्जी लोगों के नाम मिले जिन्हें लोन दिए गए। ईडी वर्ली में खरीदी गई तीनों प्रॉपर्टी की जांच कर रही है। इकबाल मिर्ची ने इन पर जबरन कब्जा कर लिया था। बाद में उसने तीनों प्रॉपर्टी सनब्लिंक रीयल एस्टेट को बेच दी। सनब्लिंक कोई और नहीं बल्कि वधावन भाइयों की ही कंपनी है। एजेंसी को लगता है कि मिर्ची तक पैसा हवाला के जरिए वधावन भाइयों ने ही पहुंचाया था।
ईडी ने कोर्ट को कुछ कंपनियों के नाम बताए हैं जिन्हें डीएचएफएल ने 2010-11 में 1500 करोड़ रुपए के लोन दिए। ये कंपनियां हैं – फेथ रियलटर्स, मार्वल टाउनशिप, एबल रियल्टी, पोसेडियन रियल्टी और रैंडम रियलटर्स। इन कंपनियों ने 2019 तक भी डीएचएफएल को पैसा नहीं चुकाया. सूद समेत ये रकम 2186 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला कि कंपनी के पास लोन के कोई पेपर बचे ही नहीं हैं। न ही लोन देते समय उसके एवज में कोई जमानत ली गई। ये सब वधावन की फ्रंट कंपनियां हो सकती हैं।