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कुएं में हाथी, आर्किमिडिज थिअरी से निकाला!

 

रांची
झारखंड के गुमला जिले में सोमवार रात एक हाथी का बच्‍चा एक अनोखी मुसीबत में फंस गया। रात के अंधेरे में बनटोली गांव के पास से गुजरते समय वह एक गहरे कुएं में गिर गया। कुआं गहरा था, इसलिए उसका अपने आप बाहर निकल पाना मुमि‍कन नहीं था। सुबह जब लोगों ने यह नजारा देखा तो आनन-फानन में हाथी को बाहर निकालने के लिए विज्ञान के मशहूर आर्किमिडीज के सिद्धांत को अपनाकर जुगत भिड़ाई और अंत में कामयाब भी हुए।

हाथी के बच्‍चे लिए सबसे बड़ी समस्‍या थी कुएं में भरा पानी, क्‍योंकि बाहर निकलने की कोशिश में वह थक चुका था। अगर वह थक कर कुएं की तली में बैठ जाता तो डूबकर उसकी मौत हो सकती थी। हाथी भले ही बच्‍चा था लेकिन फिर भी इतना भारी था कि उसे खींचकर बाहर नहीं निकाला जा सकता था। वन विभाग को भी खबर कर दी गई।

लगाया साइंस का नियम तब ऊपर आया हाथी
मौके पर मौजूद कुछ लोगों को बचपन में पढ़ा आर्किमिडीज का सिद्धांत याद आया कि जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी अथवा आंशिक रूप से डुबोई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभास होता है। बस, भारी हाथी को हल्‍का करने का तरीका मिल गया। तीन पाइप डालकर लोगों ने पंप से कुएं में पानी भरना शुरू किया।
कुएं में बढ़ते जलस्‍तर के साथ हाथी का बच्‍चा भी ऊपर की तरफ आने लगा। हाथी के बच्‍चे को बाहर निकलने में दिक्‍कत न हो इसलिए लोगों ने जेसीबी के जरिए कुएं की दीवार को तोड़कर इस तरह खोदाई की ताकि बच्‍चा जमीन पर अपनी पकड़ बना सके और बाहर निकल आए।

बाहर निकलते ही जंगल की ओर भागा
घंटों की मेहनत के बाद जैसा सोचा था वैसा ही हुआ और बच्‍चा कुएं से बाहर निकल कर जंगल की तरफ भागा। हाथी के बच्‍चे के बाहर निकलते ही वहां मौजूद भीड़ भी जान बचाकर भागी। इस अनोखे राहत और बचाव को वहां मौजूद लोगों ने अपने कैमरों में कैद कर लिया।

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