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चीन से लौटी छात्राओं ने बयां किया दर्द- कमरों में कैद है जिन्दगी

 गोरखपुर 
कोरोना वायरस के खौफ के कारण चीन में जिन्दगी ठहर गई है। लोग कमरों में कैद हैं। बगैर मास्क लगाए घर से बाहर निकलने पर रोक है। आलम यह है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के कैंपस के बाहर रहने वाले छात्रों के प्रवेश पर भी रोक लग गई है। मेरे साथ पढ़ने वाले 20 से अधिक भारतीय छात्र चीन में अपने कमरों में कैद हैं।

यह कहना है चीन के झिलिन मेडिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा शालिनी सिंह का। शालिनी जनवरी के दूसरे हफ्ते में शहर आ गईं। उन्होंने बताया कि चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हर नागरिक दहशत में हैं। झिलिन में भी तीन मरीजों में पुष्टि हुई। इसके बाद झिलिन मेडिकल यूनिवर्सिटी भी खौफजदा हो गई है। यूनिवर्सिटी में करीब 200 भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। जनवरी के पहले हफ्ते में सर्दी की छुट्टियां शुरू हुईं तो ज्यादातर छात्र वापस स्वदेश लौट आए। 20 भारतीय छात्र चीन में ही रुक गए। वे अब वहां फंस गए हैं। वह कैंपस से बाहर कमरा किराए पर लेकर रहते हैं। प्रशासन की तरफ से उन्हें कमरे में रहने का आदेश दिया गया है। जरूरी सामान की खरीद के लिए ही बाजार जाने की इजाजत है। उसके लिए भी मास्क लगाना अनिवार्य है। 

कालेज में लगा थर्मल इंट्री गेट
चीन के नानचुंग शहर में स्थित शिंचुआन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस दूसरे वर्ष की छात्रा श्वेता कुमारी भी 14 जनवरी को सर्दी की छुट्टियां मनाने घर आ गईं। श्वेता ने बताया कि नानचुंग में 150 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इस समय 15 छात्र वहीं रुके हैं। सभी व्हाट्सएप के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में हैं। नानचुंग में एक मरीज में कोरोना की तस्दीक हुई। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने कैंपस से बाहर रहने वाले छात्रों के मेडिकल कालेज में इंट्री पर रोक लगा दी। एक हफ्ते पहले ही चीन में प्रशासन ने सभी मेडिकल कॉलेज में थर्मल इंट्री गेट लगवा दिए। इस गेट से वही छात्र कालेज के अंदर प्रवेश कर सकता है जिसके शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस (98.6 फरेनहाइट) से कम हो। इससे अधिक शरीर का तापमान होने पर अलार्म बज रहा है जिसके बाद सुरक्षाकर्मी व स्वास्थ्यकर्मी उसे अस्पताल में भर्ती करा दे रहे हैं। 

विदेशी छात्रों की इंट्री पर लगी रोक
शालिनी सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं हो सका है। चीन से साथियों ने बताया कि बीजिंग यूनिवर्सिटी को खाली करा दिया गया है। झिलिन मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अगले आदेश तक विदेशी छात्रों की इंट्री पर रोक लगा दी है। अब जब कॉलेज से आदेश मिलेगा तभी चीन जा सकेंगे। 

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