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इजरायल ने बताया ऐतिहासिक, फिलिस्तीन ने नकारा, डॉनल्ड ट्रंप ने पेश किया मिडिल-ईस्ट प्लान

वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी लड़ाई को खत्म करने के लिए दो-राष्ट्र का समाधान दिया। उन्होंने मिडिल ईस्ट पीस प्लान में यरूशलम को इजरायल की अविभाजित राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे फिलिस्तीन ने सिरे से खारिज कर दिया। ट्रंप ने इस प्लान को ऐतिहासिक बताया और साथ ही संकेत दिए कि यह इस विवाद का 'आखिरी समाधान' है।
अविभाजित राजधानी का प्रस्ताव
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू के साथ वाइट हाउस में ट्रंप ने दुनिया में सबसे लंबे समय से चले आ रहे विवादों में से एक के लिए दो-राष्ट्र का समाधान दिया। उन्होंने कहा कि इससे शांति आएगी और किसी इजरायली या फिलिस्तीनी को उनका घर नहीं छोड़ना होगा। ट्रंप न कहा कि यरूशलम इजरायल की अविभाजित राजधानी रहेगी जो बहुत अहम होगी। ट्रंप ने प्रस्ताव रखा है कि चार साल तक क्षेत्र में इजरायल सेटलमेंट रोक दिया जाएगा और फिलिस्तीन के क्षेत्र को दोगुना किया जाएगा।

'सदी का सबसे बड़ा समझौता'
फिलिस्तीन के लिए ट्रंप ने पूर्वी यरूशलम को राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा और वहां अमेरिकी दूतावास स्थापित करने की पेशकश की। उन्होंने फिलिस्तीन से इस समझौते को स्वीकार कर क्षेत्र में शांति स्थापित करने की अपील की। उन्होंने इस प्लान को ऐतिहासिक और सदी का सबसे बड़ा समझौता बताते हुए दावा किया कि उनके इस प्रस्ताव को दुनिया के नेताओं का समर्थन है। ट्रंप ने कहा कि यह फिलिस्तीन के लिए स्वतंत्र राज्य बनने का ऐतिहासिक मौका है और इसके लिए वह राष्ट्रपति महमूद अब्बास को खत लिख चुके हैं।
 
इजरायल ने बताया ऐतिहासिक दिन
दूसरी ओर नेतन्याहू ने ट्रंप के प्लान को इजरायल के लिए ऐतिसाहिक दिन बताया और उसकी तुलना 14 मई, 1948 में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमन से की जब वह इजरायल को पहचान देने वाले पहले नेता बने थे। उन्होंने कहा कि दूसरे सभी प्लान जहां फेल हो चुके हैं, यह प्लान एकदम संतुलित है। उन्होंने कहा कि अब इस आधार पर वह फिलिस्तीन के साथ शांति समझौता करने के लिए तैयार हैं।

फिलिस्तीन ने खारिज किया प्लान
इस दौरान कोई भी फिलिस्तीनी अधिकारी वहां मौजूद नहीं था जबकि ओमान, यूनाइटेड अरब अमीरात और बाहरेन के राजदूत वाइट हाउस में थे। वहीं, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ट्रंप के इस प्लान को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह झुकेंगे नहीं शांतिपूर्वक तरीके से इजरायल का विरोध करते रहेंगे। वाइट हाउस ने भी बयान जारी कर कहा है कि फिलिस्तीन को इससे आपत्ति हो तो सामने रखकर समझौते और क्षेत्र के विकास के लिए मदद कर सकता है।

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