मध्य प्रदेश

इस गणतंत्र दिवस समारोह में आदिवासियों को ही क्यों बुला रहे हैं सीएम कमलनाथ?

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में गणतंत्र दिवस के समारोह में इस बार खास मेहमान दूरदराज के आदिवासी (Tribals) रहेंगे. कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) दूरदराज़ के आदिवासियों को प्रदेश की तरक्की दिखाने के साथ ही मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद कर रही है. इसके लिए उन्ही आदिवासियों को चुनाव जाएगा जिन्होंने किसी भी विधा में देश या प्रदेश का नाम बढ़ाया है. ये तमाम लोग सीएम, राज्यपाल और मंत्रियों से मिलकर विकास की अवधारणा को लेकर संवाद करेंगे, जिससे उनके विकास की राह भी निकल सकती है.

गणतंत्र दिवस पर कमलनाथ सरकार ने इस बार समारोह के लिए विशिष्ट अतिथि के लिए प्रदेश भर के आदिवासियों को चुना है. प्रदेश के तमाम ज़िलों के आदिवासी राजधानी भोपाल में आकर प्रदेश की तरक्की से रूबरू होंगे तो वहीं मुख्मयंत्री कमलनाथ और राज्यपाल लालजी टंडन के साथ सभी मंत्रियों से मुलाकात होगी. मंत्री जहां प्रदेश भर से चुनकर आने वाले आदिवासियों से चर्चा कर विकास के बारे में जानकारी देंगे तो वहीं आदिवासियों से भी विकास के खाका को लेकर चर्चा करेंगे. आदिवासियों की जीवनशैली में बदलाव को लेकर भी रूपरेखा तैयार होगी.

गणतंत्र दिवस के समारोह में हर जिले से आदिवासी चुनकर भोपाल पहुंचेंगे. इसके लिए हर जिले से आदिवासी समुदाय के बीच प्रमुख माने जाने वाले या मुखिया रहे एक महिला और एक पुरूष को ही राजधानी का बुलावा दिया जाएगा. इन सभी आदिवासियों का चयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिवासी विकास, जनजातीय कार्य विकास और कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान वाले आदिवासियों को ही चुना जा रहा है. आदिवासियों के चयन का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा अपने-अपने क्षेत्र में विकास का पैमाना होगा. क्षेत्र के विकास के बाद ही आदिवासी नेता राजधानी भोपाल का विकास को देखेंगे और फिर आदिवासी इलाकों की तस्वीर और तकदीर को बदलने को लेकर मंत्री टिप्स देंगे.

कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि आदिवासी समुदाय पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी के राज में पीड़ित-प्रताड़ित और शोषित रहा है. सीएम कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का प्रयास है कि जितनी शीघ्रता और जितनी तीव्रता से इस वर्ग को समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा उतनी ही तेजी से ये भी विकास की तरफ अग्रसर होंगे. इसीलिए प्रदेश के आदिवासियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने को लेकर कमलनाथ सरकार ने इन्हें गणतंत्र दिवस के समारोह में खास मेहमान के तौर पर बुलाकर नई शुरूआत कर रही है.

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