ग्वालियर
डिफेंस सेक्टर के लिए ग्वालियर अंचल में भी गोला-बारूद तैयार होंगे। इसके लिए रिलायंस समूह 450 करोड़ रुपए के निवेश से यूनिट लगाने जा रहा है। शिवपुरी के पडोरा इंडस्ट्रियल एरिया में रिलायंस ने 700 एकड़ जमीन इस यूनिट के लिए पसंद की है और इसकी आवंटन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआईडीसी) से सरकार ने इस जमीन की जानकारी और आसपास की सुविधाओं को लेकर सर्वे रिपोर्ट मांगी थी, जो कि एमपीआईडीसी द्वारा भेज दी गई है और अब वहां से स्वीकृति मिलने पर जमीन आवंटन हो जाएगा। ये यूनिट रिलायंस की अंचल में पहली यूनिट होगी। इससे पहले अदाणी, पारले जैसे बड़े इंडस्ट्रियल ग्रुपों ने भी मालनपुर-सीतापुर में अपनी यूनिट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रिलायंस डिफेंस लिमिटेड की ये यूनिट शिवपुरी के पडोरा इडस्ट्रियल एरिया में स्थापित होगी। इस इंडस्ट्रीज में गोला, बारूद और हथियार बनाने की अलग-अलग यूनिट होगी। जिनमें कामगार के रूप में 700-800 लोगों को रोजगार मिलेगा और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 1 हजार लोगों को काम-रोजगार मिलने की उम्मीद कंपनी ने जताई है।
इस इंडस्ट्रीज का मुख्य कनेक्टिविटी सेंटर ग्वालियर ही रहेगा। यहां कंपनी का ऑपरेशन ऑफिस बनेगा, जिससे यूनिट की व्यवस्थाओं और प्रॉडक्शन को लेकर काम होगा। ग्वालियर से पडोरा की दूरी करीब 120 किलोमीटर है लेकिन सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होने की वजह से कंपनी ने ग्वालियर में ऑपरेशन ऑफिस रखने का निर्णय लिया है।
रिलायंस ग्रुप के आने से इंडस्ट्रीज सेक्टर को मजबूती मिलेगी। क्योंकि दो साल पहले तक ग्वालियर-चंबल अंचल के इंडस्ट्रीज सेक्टर में गिरावट आ रही थी, इंडस्ट्रीज बंद हो रही थीं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में बड़े ग्रुपों ने अंचल के इंडस्ट्रियल एरिया में जगह लेकर यूनिट लगाने का काम शुरू किया है। पारले, अदाणी और रिलायंस के आने से उद्योग जगत को संजीवनी मिलेगी।
मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद पुंजलॉयड की आर्म्स फैक्टरी को अदाणी समूह ने खरीद लिया है। जानकारी के अनुसार अदाणी समूह यहां मशीनगन जैसे हथियार बनाएगा और ये काम समूह जल्द शुरू करने वाला है। इस यूनिट में नए हथियार बनाने के साथ सेना के हथियारों को अपग्रेड करने का भी काम किया जाता है। मालनपुर में पुंज लॉयड ने इस यूनिट की शुरूआत 2017 में की थी। इस यूनिट में इजराली कंपनी के सहयोग से असॉल्ट राइफल, एक्स 95 असॉल्ट राइफल, गैलिल स्नाइपर राइफल, नेगेव एलएमजी और मशीन गन जैसे हथियारों की रेंज को निर्माण करने के लिए काम किया गया है।