नई दिल्ली
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने पाक की खस्ताहाल इकॉनमी का ठीकरा एक तरह से भारत के सिर फोड़ने की कोशिश की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि यह बताता है कि पाकिस्तानी पीएम कैसे हताश हो रहे हैं। इमरान खान की पैंतरेबाजी पर सवाल उठाते हुए कुमार ने पूछा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध के लिए गंभीर है तो आतंकी संगठनों के खिलाफ ऐक्शन क्यों नहीं ले रहा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'दावोस में पाकिस्तान के पीएम ने काफी चीजें कहीं हैं। हमने रिपोर्ट्स देखी हैं। टिप्पणियों में कोई नई बात नहीं है। काफी महीनों से इसी लहजे में बात कर रहे हैं। ये विरोधाभासी है। तथ्यात्मक गलतियां भी हैं। दर्शाता है कैसे इमरान हताश हो रहे हैं। लग रहा है बिल्कुल निराशा की भावना की तरफ जा रहे हैं। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि ग्लोबल कम्युनिटी ने उनके डबल स्टैंडर्ड को समझ लिया है। एक तरफ आतंकवाद को मानते नहीं है, दूसरी तरफ ऐसे संगठनों को पनाह देते हैं जो भारत और दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाते हैं।
'अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बरगला रहे इमरान'
प्रवक्ता ने आगे कहा, 'अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है…अनुकूल माहौल चाहता है तो टेररिस्ट ग्रुप के खिलाफ क्यों एक्शन नहीं ले पा रहे हैं? हमें हमेशा लगता है कि वह अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को बरगलाने के लिए इस तरह का बयान देना पसंद करते हैं। इस तरह के बयान से उन्हें बाज आना चाहिए हमें अपने मामले में उनकी सलाह की जरूरत नहीं है।'
'आतंकवाद के लिए पाक की फंडिंग चिंता की बात'
रवीश कुमार ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की फंडिंग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसा है। हमें पता है कि पैरिस में 16 फरवरी से बैठक हो रही है। हमें लगता है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर कितना काम किया है, उस क्राइटेरिया को देखा जाएगा। अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। लेकिन साथ ही मैं बताऊं कि पिछले प्लेनरी मीटिंग में एफएटीएफ ने बड़ी चिंता जताई थी। पाकिस्तान जिस तरह से आतंकवाद को फाइनैंस कर रहा है वो चिंता का विषय है। अब एफएटीएफ के सदस्यों को देखना है कि इमरान सरकार ने इसे बंद करने के लिए क्या किया है।'