मध्य प्रदेश

परफॉरमेंस के कारण डीईओ पर लटकी तलवार, अधिकारियों को हटाया जा सकता है फील्ड की पोस्टिंग से

ग्वालियर
जिन जिला आबकारी अधिकारियों (डीईओ) का परफॉरमेंस ठीक नहीं है,उनके ऊपर तलवार लटकी है।  मार्च से पहले ऐसे आबकारी अधिकारियों को फील्ड की पोस्टिंग से हटाया जा सकता है। इनमें वे सहायक जिला आबकारी अधिकारी भी शामिल हैं,जो जूनियर होने पर भी सेटिंग से प्रभारी डीईओ बने बैठे हैं। इनकी जगह पर ऐसे अधिकारियों को बड़े जिलों की कमान दी जाएगी,जो एक्टिव मोड में रहते हैं और शासन के मंशा के अनुसार शराब ठेकों का निष्पादन कराकर राजस्व में इजाफा कराने की गारंटी लेंगे।

आबकारी मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार नए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए शराब ठेकों के नीलामी के लिए आबकारी नीति तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। इसी बीच जिला आबकारी अधिकारियों के काम-काज का भी फीडबैक लिया जा रहा है। इस दौरान देखा जा रहा है जिलों में मौजूदा वर्ष के राजस्व वसूली में कौन से जिले पिछड़े हुए हैं। डीईओ के ढिलाई से जहां भी राजस्व प्रभावित हो रहा है या फिर स्टॉफ से कॉर्डीनेशन ठीक नहीं है,इससे कार्यालय का माहौल बिगड़ने की स्थिति बनी है।

वहीं चुनिंदा ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने जो डीईओ पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। इनकी हरकत से नए वित्तीय वर्ष में शराब दुकानों की नीलामी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे जिला आबकारी अधिकारियों को चिन्हित किया जा रहा। कुछ जूनियर एडीईओ भी जुगाड़ बिठाकर डीईओ बने बैठे हैं,वे भी सही तरीके से जिलों को नहीं चला पा रहे। इनसे भी प्रभार छीना जा सकता है। मार्च में नए वित्तीय वर्ष के लिए शराब ठेकों की नीलामी  प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही कई जिलों के आबकारी अधिकारियों को बदला जा सकता है।

इसी क्रम आबकारी आयुक्त द्वारा कुछ दिन पहले अलीराजपुर जिले के जिला आबकारी अधिकरी विनय रंगशाही को हटाया जा चुका है। इस डीईओ को आगामी आदेश तक के लिए भोपाल स्थित  राज्य स्तरीय उड़नदस्ता कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।

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