जबलपुर
देश की सबसे बड़ी तोप कही जा रही 'शारंग' का एक और सफल परिक्षण हुआ है। माना जा रहा है कि यह तोप भारत को पीओके में किसी अभियान को चलाने में रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। यह तोप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बिना घुसे ही करीब 40 से 50 किलोमीटर तक मार कर सकती है। आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर द्वारा बनाई 155 एमएम की शारंग तोप का मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित खमरिया रेंज में सफल परीक्षण किया गया है। भारत पहले ही के9 वज्र-टी, धनुष और अमेरिका निर्मित M-777 तोपों को सेना में शामिल कर चुका है।
भगवान विष्णु के धनुष शारंग के नाम पर इस तोप का नाम शारंग रखा गया है। सूत्रों के इसी साल इसे 30 तोपों को भारतीय सेना को सौंपा जा सकता है। शारंग तोप एक बार में तीन गोले दागने में सक्षम है। शारंग तोप को 130 एमएम की एम-46 तोप को उन्नत करके बनाया गया है। एम-46 तोप की मारक क्षमता जहां 27 किमी थी वहीं शारंग मारक क्षमता 36 किलोमीटर हो गई है। यही नहीं अब यह तो अब पहले की तुलना में ज्यादा तबाही ला सकती है।
गोले में 8 किलो टीएनटी का इस्तेमाल
विशेषज्ञों के मुताबिक एम-46 के गोले में जहां 3.4 किलोग्राम टीएनटी का इस्तेमाल किया जाता था वहीं अब सारंग के गोले में 8 किलो टीएनटी का इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादा टीएनटी मतलब ज्यादा तबाही। सारंग तोप का वजन करीब 8.4 टन है और उसके बैरल की लंबाई करीब 7 मीटर है। यह गन भी अब सेमी ऑटोमेटिक हो गई है। इससे अब तोप के अंदर गोले डालने में क्रू मेंबर को आसानी हो गई है।
शारंग तोप को करीब 70 डिग्री तक मूव किया जा सकता है। पहले चरण में 30 दूसरे चरण में 70 और अगले चरण में 100-100 तोप का निर्माण किया जाना है। 2022 तक तीन सौ शारंग तोप का निर्माण कर सेना को दिया जाना है। शारंग तोप पूरी तरह से स्वदेशी है। एक तोप को बनाने में करीब 70 लाख रुपये का खर्च आता है। बता दें कि एक नई फील्ड आर्टिलरी गन का दाम करीब 3.5 करोड़ रुपये है। इस तरह से शारंग घातक के साथ ही साथ सस्ती भी है।
साकार होगा पीओके का सपना!
शारंग, के9 वज्र-टी, धनुष और अमेरिका निर्मित M-777 तोपों के भारतीय सेना में शामिल होने के साथ ही अब भारत दुश्मन के 40 से 50 किमी अंदर तक गोले बरसाने में सक्षम हो गया है। इन तोपों को ऐसे समय पर सेना में शामिल किया गया है जब सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा है कि अगर सरकार अनुमति देगी तो भारतीय सेना पीओके पर हमला करने के लिए तैयार है। विश्लेषकों के मुताबिक पीओके पर कब्जा करने में ये तोपें बेहद अहम भूमिका निभा सकती हैं। इतनी मारक क्षमता की तोपें अभी पाकिस्तान के भी नहीं हैं।