नई दिल्ली
अगर इनकम टैक्स पर गठित कमिटी की सिफारिशों अगर को हरी झंडी मिली तो एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव हो सकता है। 6 से 7 लाख रुपये तक आमदनी को 5 फीसदी के इनकम स्लैब में आ सकती है। 10 फीसदी का इनकम टैक्स फिर से लागू किया जा सकता है। फिलहाल 2.50 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। 2.50 से 5 लाख रुपये की तक आमदनी पर 5 फीसदी इनकम टैक्स लगता है। सूत्रों के अनुसार बजट से पहले इनकम टैक्स में बदलाव पर गठित कमिटी ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कार्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद बेहतर होगा कि इस बार लो मिडिल क्लास तथा मिडिल-मिडिल क्लास को छूट दी जाए। ऐसे में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने की जरूरत है। निचले स्लैब में बदलाव करके लो मिडिल क्लास तथा मिडिल-मिडिल क्लाक को राहत दी जा सकती है।
राहत पर महामंथन
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार बजट से पूर्व पीएमओ के साथ वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों की इनकम टैक्स स्लैब में राहत को लेकर कई बैठकें हुई। बैठक में दो बातों पर विचार किया गया। पहला, निवेश में इनकम टैक्स छूट में बढ़ोतरी तथा इनकम टैक्स स्लैब में इस तरह से बदलाव किया जाए, जिससे 10 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को फायदा मिल सकें।
सूत्रों के अनुसार कमिटी की सिफारिशों में मुख्यरूप से 10 फीसदी स्लैब को वापस लगाने की बात कही गई है। यह वित्त मंत्रालय पर छोड़ा गया है कि वह अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला करें कि कितनी आमदनी को वह 10 फीसदी इनकम टैक्स स्लैब में ला सकती है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में 2.50 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक आमदनी पर 5 फीसदी इनकम टैक्स लगता है। 5 से 10 लाख रुपये तक आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स तथा 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है।
सरकार पर दबाव
अधिकारी के अनुसार सरकार पर पूरा दबाव है कि वह इनकम टैक्स में इतनी राहत दें, जो नजर भी आये, साथ ही आम इनकम टैक्सपेयर्स की जेब में थोड़ा पैसा आये ताकि वह मार्केट में उसको फ्लो कर सकें। यही कारण है कि इस बार इनकम टैक्स के मोर्चे पर ऐसी राहत मिलने की संभावना ज्यादा है।