राजनीति

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में क्यों शामिल नहीं हो पाएंगे राकेश सिंह?

भोपाल
बीजेपी 20 जनवरी को अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने जा रही है. संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया प्रभारी राधामोहन सिंह (Radha Mohan singh) की ओर से पार्टी के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जा चुकी है. बीजेपी के मौजूदा कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) का राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होना लगभग तय है, लेकिन इस निर्वाचन प्रक्रिया में मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह शामिल नहीं हो पाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन अब तक नहीं हो पाया है और पार्टी विधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए राकेश सिंह का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होना ज़रुरी था.

राधा मोहन सिंह की ओर से जारी चुनाव कार्यक्रम के तहत देश भर में 60 फीसदी जिलों में चुनाव संपन्न होने के बाद 21 प्रांतों के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का चुनाव हो चुका है. लिहाजा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जा रही है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए कम से कम 15 राज्यों में अध्यक्ष का चुनाव होना ज़रुरी है. मध्य प्रदेश में बीजेपी 33 जिलों में जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर चुकी है, बावजूद इसके प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कुछ दिनों के लिए टल सकता है.

भारतीय जनता पार्टी के विधान की धारा 19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा जिसमें राष्ट्रीय परिषद की धारा 18 के तहत प्रदेश परिषदों के निर्वाचित सदस्य पार्टी के संसद सदस्यों में से चुने गए 10 प्रतिशत सदस्य जो 10 से कम न हों, भाग ले सकेंगे. साथ ही प्रदेश परिषदों की धारा 16 (1) क, ख, ग में वर्णित सदस्य शामिल होंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति हो सकेगा जो कम से कम 4 अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 साल तक प्राथमिक सदस्य रहा हो. निर्वाचक मंडल में से कोई भी 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकेंगे. यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम ऐसे 5 प्रदेशों से आना ज़रुरी है जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों.

मध्य प्रदेश में 33 जिलों के बीजेपी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन दिसंबर के आखिर में प्रस्तावित था लेकिन सीएए पर बीजेपी के देशव्यापी कैंपेन को देखते हुए इस प्रक्रिया को टाल दिया गया. इसी बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन का कार्यक्रम घोषित हो गया. इस निर्वाचन प्रक्रिया में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन ये माना जा रहा है कि राकेश सिंह को दोबारा एमपी बीजेपी की कमान सौंपी जा सकती है.

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