नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने जिन 16 सीटों पर अभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया, उनमें से करीब आधा दर्जन सीटों को उसने एक रणनीति के तहत ही रोका हुआ है, जबकि चार सीटें उसने राष्ट्रीय जनता दल को देने का फैसला किया है। बाकी कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन्हें लेकर पार्टी के भीतर ही नेताओं में रस्साकशी चल रही है। इनमें ओखला की सीट भी शामिल है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बुराड़ी, करावल नगर, पालम और उत्तम नगर की सीटें कांग्रेस ने अपने सहयोगी आरजेडी को दी हैं। इन चारों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं। पार्टी ने यह कदम संभवत: अपने पूर्वांचली नेता महाबल मिश्रा के बेटे विनय मिश्रा के आप में जाने के बाद उठाया है। लेकिन पार्टी ने मादीपुर, बिजवासन, महरौली और राजेन्द्र नगर की सीटों को एक रणनीति के तहत घोषित नहीं किया। पार्टी के एक सीनियर लीडर के मुताबिक इन सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए गए हैं, लेकिन फिलहाल पार्टी की रणनीति है कि इन सीटों पर अभी उम्मीदवार घोषित न किए जाएं।
कुछ सीटें एक दूसरे से जुड़ीं
पार्टी सूत्रों का कहना है कि नई दिल्ली के साथ दो और सीटें इसलिए घोषित नहीं की गईं, क्योंकि पार्टी के नजरिए से यह इंटरलिंक सीटें हैं। दरअसल, पार्टी में कुछ नेता चाहते हैं कि नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जिसे भी उम्मीदवार बनाया जाए, उसे या तो दूसरी सीट पर लड़ाया जाए या उसके किसी परिजन को दूसरी सीट पर उम्मीदवार बनाया जाए। इसी खींचतान की वजह से अब तक नई दिल्ली समेत तीन सीटों पर उम्मीदवार तय नहीं हो पाए हैं। इसी तरह से घोंडा और कोंडली में भी पार्टी की कुछ नेताओं से बातचीत चल रही है इसलिए पार्टी जल्दबाजी नहीं कर रही। तिलक नगर में पार्टी संभवत: सिख उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। ओखला सीट को लेकर दो पूर्व विधायकों में रस्साकशी की वजह से पार्टी फैसला नहीं ले पा रही।