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फैसला 24 जनवरी को, 39 साल पहले फूलनदेवी गैंग ने की थी 20 लोगों की हत्या

 कानपुर                                                        
उत्तर प्रदेश के चर्चित बेहमई के सामूहिक नरसंहार पर 39 साल बाद शनिवार को आने वाला बहुप्रतिक्षित फैसला केस डायरी के कुछ अंश गायब होने के कारण फिर टल गया। अदालत ने अब फैसले के लिए 24 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। साथ ही स्पेशल जज डकैती की अदालत ने लिपिक से जवाब तलब किया है। इससे पहले कोर्ट ने 6 जनवरी को बचाव पक्ष की दलील पर फैसले के लिए 18 जानवरी की तारीख तय की थी।

राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में फूलनदेवी के गैंग ने 14 फरवरी 1981 को गांव के कई लोगों को एक जगह एकत्र कर उन्हें गोलियों से भून दिया था। इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। इस नरसंहार ने पूरे देश को हिला दिया था। 39 साल बाद इस मुकदमे में अब फैसले की घड़ी आ गई है।

नरसंहार की मुख्य आरोपित रही दस्यु फूलन देवी के अलावा बाबा मुस्तकीम की पहले ही मौत हो चुकी है। गैंग का एक सदस्य पोसा ही अब जेल में है। तीन डकैत आज तक फरार हैं, उनकी फाइल अलग की जा चुकी है। पोसा सहित जमानत पर रहे श्यामबाबू, विश्वनाथ व भीखा के मामले में फैसला आएगा।

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