बिलासपुर
बच्चों को पढ़ाएं-लिखाएं, लेकिन उन्हें संस्कारित भी करें। यह समाज, देश और मानवता के प्रति आपका उपकार होगा। संस्कार की शिक्षा बहुत जरूरी है, वरना हमारी आने वाली पीढ़ी खराब होती जाएगी। इस पर गंभीर चिंतन करने की जरूरत है। लोक निर्माण, गृह, जेल, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने आज चौकसे गु्रप आॅफ कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।
महिलाओं एवं बालिकाओं के लिये द विस्डम ट्री फाउंडेशन और चौकसे गु्रप आॅफ कॉलेज बिलासपुर की ओर से आयोजित महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम और अवार्ड सेरेमनी में गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कॉलेज के आॅडिटोरियम में आज इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्री साहू ने कहा कि आज के युग की यह महती आवश्यकता है कि महिलाएं एवं बालिकाएं आत्मरक्षा के तरीके से परिचित हों। उन्होंने कहा कि हम किसी वृक्ष के फूल, पत्ते और फल की ओर ही ध्यान देते हैं, जड़ की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। जड़ की ओर ध्यान देने से पेड़ के सभी अंग अच्छे रहते हैं। उसी तरह सामाजिक व्यवस्था भी एक जड़ है, यह व्यवस्था ठीक रहेगी तो महिलाओं को आत्मरक्षा के लिये प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली मानवता के निर्माण की दिशा में अनुपयोगी है और यह शिक्षा केवल नौकरी प्राप्त करने का साधन बन गया है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम जीवन के मूल उद्देश्य ही भूल गये हैं। इसके लिये सरकार कुछ नहीं कर सकती, बल्कि समाज एवं परिवार को प्रयास करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिलासपुर के विधायक श्री शैलेष कुमार पाण्डेय ने कहा कि हमारा देश बहुत वर्षों तक गुलामी से जकड़ा रहा। इससे हमारे संस्कृति भी प्रभावित हुयी। जिसके कारण हमारी महिलाओं और बेटियों को सबसे ज्यादा समस्या आयी है। महिलाओं को आगे बढ?े की जरूरत है। सरकार ने भी इसके लिये प्रयास किया है। बेटी बचाओ-बेढ़ी पढ़ाओ अभियान इस कड़ी का एक हिस्सा है। बेटियों ने भी बहुत से उपलब्धियां हासिल कर देश को सम्मान दिलाया। आज हर लड़की को शिक्षित और जागरूक बनाना समय की मांग है। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि तेलंगाना से आये प्रोफेसर के.वेंकटस्वामी ने भी संबोधित किया। चौकसे गु्रप आॅफ कॉलेज की डायरेक्टर श्रीमती डॉ.पलक जायसवाल ने महिलाओं के लिये आत्मरक्षा प्रोग्राम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने अपने दायरे में रहकर उपलब्धियां हासिल की है। लेकिन उन्हें आत्मरक्षा की जरूरत भी है। विस्डम ट्री फाउंडेशन ने इस दिशा में पहल कर लगभग डेढ़ हजार बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली नारी शक्तियों को सम्मानित किया गया। साथ ही कॉलेज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को भी अवार्ड दिया गया।