भोपाल
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिये हैं कि जिलों में डॉक्टर्स, एनएचएम और डेंटिस्ट के 5000 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। भोपाल के शासकीय जे.पी. अस्पताल और इंदौर के पी.सी. सेठी अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनाने के प्रक्रिया शुरू करें। उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ देने वाले डॉक्टर्स के लिये प्रदेश-स्तर पर सम्मान समारोह आयोजित किया जाए। जिला और सिविल अस्पतालों में सप्ताह में एक दिन सीएमएचओ और बीएमओ अनिवार्य रूप से स्वच्छता अभियान चलायें। श्री सिलावट मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री सिलावट ने कहा कि जिन डॉक्टर्स के विरूद्ध लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज है, उन्हें तुरंत हटाया जाए। अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों को तत्परता से निपटायें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी संभाग स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करें और सभी अस्पतालों का निरीक्षण भी करें।
2000 से अधिक डॉक्टर्स की भर्ती
प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश में 2000 से अधिक डॉक्टर्स की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जा रही है। इसके साथ ही 2000 से अधिक एएनएम की भर्ती भी शुरू की जा रही है। आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने बताया कि 17 जनवरी से राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 547 डॉक्टर्स की पदस्थापना शुरू की जा रही है। यह प्रक्रिया एक सप्ताह में पूर्ण की जायेगी। आयुष्मान प्रभारी ने बताया कि आगामी अप्रैल माह से जिला स्तर पर इस योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि अभी तक केवल 21 जिलों में आयुष्मान योजना वाले अस्पताल सूचीबद्ध थे। आगामी मार्च माह से सभी जिलों में कम से कम 3 बड़े अस्पताल आयुष्मान सूची में शामिल किये जायेंगे। बैठक में संचालक एनएचएम श्रीमती छवि भारद्वाज, सुश्री सलोनी सडाना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
30 दिन में मिलेगा मेडिकल स्टोर का लायसेंस
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि मेडिकल स्टोर्स को लायसेंस देने की कार्यवाही अधिकतम 30 दिन में पूरी करें। इसमें किसी भी तरह की देरी स्वीकार्य नहीं होगी। सिलावट ने निर्देश दिये कि नकली दवाओं की बिक्री रोकने के लिये सख्त कदम उठायें। ऐसी दवाओं के सेम्पल की जाँच अधिकतम 20 दिन में पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं का निरंतर निरीक्षण करें और वहां आने वाले मरीजों से मिलें तथा उनसे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त करें। स्वास्थ्य सेवाओं को हर स्तर पर बेहतर बनाने के प्रयास करें।
बैठक में कलेक्टर भोपाल तरूण पिथोड़े, आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि राजीव दुबे, कंट्रोलर रविन्द्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।