मध्य प्रदेश

निकाय चुनाव तक कमलनाथ ही रहेंगे प्रदेश अध्यक्ष

भोपाल
 मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उठे विवाद को देखते हुए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष की कमान फिलहाल कमलनाथ के हाथों में रहने का फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया जा रहा है कि पार्टी में बढ़ती गुटबाज़ी पर रोक लगाने के लिए फिलहाल नए अध्यक्ष का फैसला टाल दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है नगरीय निकाय चुनाव तक यह फैसला टाल दिया गया है।

दरअसल, प्रदेश में ज्योितिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही थी। हाल ही में दिग्विजय सिंह के खिलाफ वन मंत्री उमंग सिंघार ने मोर्चा खोलते हुए उनपर गंभीर आरोप लगाए थे। जिससे पार्टी की राष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई है और एक बार फिर गुटबाज़ी खुलकर सामने आई है। दूसरी ओर सिंधिया समर्थक भी प्रदेश स्तर पर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। जिससे पार्टी में बिखराव की स्थिति भी बनती दिख रही थी। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीच का रास्ता निकालते हुए फिलहाल कमलनाथ को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए रहने का निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में इस बात की अटकलें तेज हो गईं थी कि कांग्रेस को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस नेताओं की दौड़ शुूरू हो गई। दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधाय, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नाम प्रबल दावेदारों में शामिल थे। उनके अलावा कमलनाथ के खास और प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन का नाम भी सामने आया था। इस बीच सिंधिया खेमे से लगातार पार्टी पर दबाव बन रहा था।

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