लखनऊ
एक माह पहले जो प्याज अपनी ऊंची कीमत के कारण जनता को रुला रहा था, वही प्याज अब उद्यान विभाग के कर्मचारियों की आंखों में 'आंसू' ला रहा है। असल में पिछले माह मंडी परिषद ने हर रसोई तक प्याज पहुंचाने के लिए मिस्र से प्याज आयात करवाया था। लखनऊ समेत 10 जिलों में इस प्याज की आपूर्ति की गई। उद्यान विभाग ने 62रु/ किलो के हिसाब से विक्रय केंद्रों पर प्याज बेचा भी। इस बीच, पिछले माह 110 रु/किलो तक बिकने वाला भारतीय प्याज अब 50 रु/किलो पर आ गया है। ऐसे विदेशी प्याज को भाव तो मिलने से रहा। बाजार से बेखबर अफसरों ने विदेशी प्याज डंप होते देख विक्रय केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों का वेतन ही रोक दिया।
सस्ता प्याज बेचने के लिए जिला उद्यान विभाग ने पिछले माह शहर में चार विक्रय केंद्र खोले थे। मिस्र से प्याज मंगवाकर इन केंद्रों पर 62 रु/ किलो की दर से बेचा जा रहा है। इस बीच, बाजार में आस-पास के शहरों के साथ ही नासिक से भी प्याज की बड़ी खेप भी आ गई। लिहाजा प्याज के भाव नीचे आ गए। आलम यह है कि खुदरा बाजार में अब 50 से 60 रुपये/किलो के बीच प्याज आसानी से मिल रहा है। लिहाजा लोगों ने 'सस्ता' प्याज बेचने के नाम पर खोले गए काउंटरों से प्याज खरीदना बंद कर दिया। विक्रय केंद्रों के कर्मचारी दिन भर कुर्सी मेज डालकर बैठे रहते हैं, लेकिन उनके लिए 25 किलो प्याज बेचना भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा बोरी में निर्धारित मात्रा से कम प्याज निकलने से भी लागत की भरपाई करने में उद्यान विभाग के कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं।
बिक्री में कमी से नाराज अफसरों ने कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। एक विक्रय काउंटर के कर्मचारी ने बताया कि हमें सीधा फरमान सुना दिया गया है,पहले प्याज बेचकर पूरी कीमत निकालो, तभी तनख्वाह मिलेगी। लिहाजा विक्रय केंद्र के किसी भी कर्मचारी को इस माह वेतन नहीं मिला है।
80 रु/पसेरी सस्ता है प्याज
मंडी में स्थानीय और नासिक से अच्छी खेप आने के कारण प्याज 230 रु/पसेरी तक बिक रहा है, जबकि सस्ता बेचने के लिए खोले गए काउंटरों पर 310 रु/पसेरी। मिस्र से मंगवाई गई बोरी में 25 किलो प्याज होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सूखने की वजह से उसका वजन 22 से 23 किलो ही निकल रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि 22-23 किलो प्याज बेचकर 25 किलो के दाम की भरपाई कैसे की जाए।
कोल्ड स्टोर में है काफी स्टॉक
जिला उद्यान निदेशालय के मार्केटिंग एक्जिक्यूटिव एसके सुमन ने बताया कि प्याज की कमी पूरी करने के लिए मिस्र से लखनऊ और गोरखपुर के लिए 25-25 टन प्याज मंगवाया गया था। आठ अन्य जिलों में 20-20 टन प्याज भेजा गया है। अलीगंज स्थित उद्यान केंद्र के कोल्ड स्टोरेज में प्याज रखवाया गया है। सूत्रों की माने तो अभी 60 फीसदी स्टॉक डंप है।
उद्यान विभाग के विशेष सचिव संदीप कौर ने कहा, 'प्याज की बिक्री के दौरान विक्रय केंद्र के कर्मचारियों ने लापरवाही बरती और रजिस्टर मेंटेन नहीं किया। ऐसे कर्मियों की सैलरी रोकी गई है बाकियों की नहीं।'