मध्य प्रदेश

नगरीय प्रशासन नियमों में संशोधन, बिल्डिंग परमीशन के लंबित मामलों के निराकरण में तेजी

भोपाल
नजूल एनओसी नहीं मिल पाने के कारण बिल्डिंग परमीशन महीनों तक नहीं मिल पाती थी । अब नगरीय प्रशासन नियमों में संशोधन कर दिया है।  इस व्यवस्था के शुरू होने से बिल्डिंग परमीशन के लंबित मामलों के निराकरण में तेजी आएगी और भवन निर्माण परमीशन से सरकारी खजाने में राजस्व भी आएगा।

भवन निर्माण के लिए बिल्डिंग परमिशन के लिए अब आम नागरिकों को महीनों इंतजार नहीं करना होगा। केवल नजूल अधिकारी की पावती की सूचना पर ही तीस दिन के भीतर यह मान लिया जाएगा कि नजूल अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है और आवेदक को बिल्डिंग परमिशन जारी कर दी जाएगी।

आम नागरिकों को बिल्डिंग परमिशन प्राप्त करने के लिए पहले नजूल एनओसी की जरूरत होती है। इसके बिना भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाती। नजूल एनओसी नहीं मिल पाने के कारण बिल्डिंग परमिशन महीनों तक नहीं मिल पाती थी और आम आदमी को परेशान होना पड़ता था। इसमें आम नागरिक को राहत देने के लिए  अब नगरीय प्रशासन नियमों में संशोधन कर दिया है।

अब यदि किसी व्यक्ति का भूमि राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज है तो वह जब भी वहां भवन निर्माण के लिए बिल्डिंग परमिशन के लिए आवेदन करेगा तो बिल्डिंग परमिशन जारी करने वाले अधिकारी आवेदन आने के सात दिन के भीतर उस जमीन से जुड़े नजूल अधिकारी को तीस दिन की अवधि के भीतर नजूल अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने हेतु लिखेगा तथा ई-मेल भी भेजेगा। यदि इस समय सीमा के भीतर नजूल अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं होता है तो नजूल अधिकारी के कार्यालय की प्राप्ति सुनिश्चित करने के बाद यह मानते हुए कि नजूल अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है आगामी कार्रवाई की जाएगी।

इस तरह अब आम नागरिकों को नजूल एनओसी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उसे तीस दिन के भीतर एनओसी नहीं मिलने पर डीम्ड एनओसी मानते हुए बिल्डिंग परमिशन दे दी जाएगी।

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