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वीसी के आश्वासन को भी नहीं माने जामिया स्टूडेंट, दिल्ली पुलिस पर FIR तक परीक्षा में भाग नहीं लेने पर अड़े

नई दिल्ली

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईर दर्ज किए जाने तक परीक्षा में शामिल नहीं होने की जिद्द पर अड़ गए हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर (वीसी) नजमा अख्तर के आश्वासनों को दरकिनार करते हुए आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। वीसी ने सुबह से ही बयान की मांग कर रहे छात्रों के बीच आकर कहा कि दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर की प्रक्रिया कल (मंगलवार) से ही शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एफआईआर नहीं की जा रही है, इसलिए गारंटी नहीं दी जा सकती है कि उनकी प्रक्रिया पर पुलिस क्या ऐक्शन लेगी। छात्रों का आक्रोश कम नहीं होता देख वीसी ने कहा कि परीक्षा की तारीखें नए सिरे से शेड्यूल की जाएंगी।

 

दिल्ली पुलिस के कैंपस में प्रवेश के मुद्दे पर हंगामा

वीसी के इस बयान पर उन्हें घेरे स्टूडेंट्स हंगामा करने लगे और प्राथमिकी दर्ज नहीं होने तक परीक्षा में भाग नहीं लेने का ऐलान कर दिया। इससे पहले, यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के कैंपस में घुसने को लेकर वीसी के बयान की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। छात्र जानना चाहते थे कि दिल्ली पुलिस किससे पूछकर कैंपस में घुसी थी। इस पर वीसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने परिसर में प्रवेश की अनुमति किसी से नहीं ली थी। वीसी ने छात्रों को समझाने की कोशिश की कि यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस के प्रवेश की अनुमति उन्होंने नहीं दी थी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दिल्ली पुलिस के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटाखटाया जाएगा।

 

वीसी का आश्वासन

आक्रोशित छात्रों के हुजूम के बीच खड़ी वीसी को अपनी बात रखने में भी काफी मशक्कत हो रही थी। उन्होंने स्टूडेंट्स को समझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन छात्र बीच-बीच में हंगामा करते दिखे और पुलिस पर एफआईआर किए जाने तक धरने पर बैठे रहने की जिद्द पर अड़ गए। वीसी ने छात्रों को बताया कि कैंपस में सुरक्षा इंतजामों को दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस बिन पूछे कैंपस में दाखिल हुई थी। छात्रों को पीटा गया। पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। दिल्ली पुलिस के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

 

15 दिसंबर की घटना से आक्रोश

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस बीते 15 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी कैंपस में घुस गई। उस पर छात्रों के साथ मार-पीट का आरोप लगा है। इसी मामले पर जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी की अगुआई में छात्रों ने आज वीसी का घेराव किया। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उसने लाइब्रेरी में पुलिस के गलत तरीके से घुसने, तोड़फोड़ करने, स्टूडेंट्स को चोट पहुंचाने की शिकायत करते हुए दिल्ली पुलिस में शिकायत दी थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बस यह बताया है कि मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि अब तक ना तो क्राइम ब्रांच ने एफआईआर की और ना ही उसकी टीम जांच के लिए कैंपस पहुंची है। इसके अलावा, एचआरडी मिनिस्ट्री ने भी कोई जांच कमिटी नहीं बनाई।

 

अब तक दर्ज नहीं हुई एफआईआर

जामिया के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम ए. खान ने इसे लेकर क्राइम ब्रांच को लेटर लिखा है। उन्होंने डेप्युटी पुलिस कमिश्नर को लिखा है कि 15 दिसंबर को लाइब्रेरी में गलत तरीके से पुलिस के घुसने, स्टूडेंट्स को चोट और लाइब्रेरी को नुकसान पहुंचाने के मामले में एफआईआर अभी पेंडिंग है। जामिया नगर थाने और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में पुलिस की दर्ज एफआईआर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हो गई। ऐसे में पता चला है कि यह मामला भी क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है। इसलिए जामिया नगर थाने में दिए गई शिकायत के आधार पर जल्द से जल्द एफआईआर की जाए। प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम कैंपस नहीं पहुंची है। इसके अलावा, वीसी ने 15 दिसंबर की घटना की रिपोर्ट एचआरडी मिनिस्ट्री में भेजी थी, मगर उस पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया। जामिया ने मिनिस्ट्री से पुलिस ऐक्शन पर जांच बैठाने की मांग की थी।

 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जाएगी जामिया

मंगलवार को नैशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन की टीम स्टूडेंट्स के बयान दर्ज करने के लिए कैंपस पहुंच रही है। इससे पहले इनकी टीम लाइब्रेरी का जायजा ले चुकी है। जामिया वीसी नजमा अख्तर का कहना है कि उनकी ओर से पुलिस कंप्लेंट दी गई है। रिमाइंडर दिए, ई-मेल और स्पीड पोस्ट से एफआईआर करके लिए कंप्लेंट दी। हर तरह से उनकी तरफ से पुलिस से बात की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है।

 

शशि थरूर का समर्थन

उधर, कांग्रेस नेता शशि थरूर रविवार को सीएए का विरोध कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया गए। इस मौके पर उनके साथ दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और सीलमपुर के पूर्व विधायक मतीन अहमद भी थे। कांग्रेस सांसद ने कहा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ इस लड़ाई में पार्टी छात्रों के साथ खड़ी है।' थरूर ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया और कहा, 'जामिया मिलिया के प्यारे दोस्तों मजबूती के साथ खड़े रहो। हम तुम्हारे साथ हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।'

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