भोपाल
वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर की पहल पर दस्तावेजों के पंजीयन पर लगा अनाधिकृत प्रतिबंध हटा दिया गया है। पंजीयन कार्यालयों में अब उप-पंजीयक पूर्व की तरह बिना भय के दस्तावेजों का पंजीयन नियमानुसार कर सकेंगें।
मंत्री राठौर को अनेक जन-प्रतिनिधियों ने पिछले दिनों विशिष्ट भूमियों के विक्रय संबंधी दस्तावेजों के पंजीयन पर जिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रोक लगाये जाने की जानकारी दी थी। यह भी बताया था कि दस्तावेजों के पंजीयन के बारे मे जिला/विकासखण्ड स्तर पर अवैधानिक प्रशासनिक आदेश जारी किये गये है, जिनकी अवहेलना होने पर उप-पंजीयकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।
मंत्री राठौर ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा की, तो उन्हे बताया गया कि पंजीयन अधिनियम 1908 के अधीन बने पंजीयन नियम 19 की पूर्ति का पालन न करने पर पंजीयन के लिये प्रस्तुत दस्तावेज वापसी और पंजीयन से इन्कार का प्रावधान है। इसके साथ ही पंजीयन अधिकारी 1908 की धारा 34(3) के अन्तर्गत पंजीयन अधिकारी किसी दस्तावेज के पंजीयन के पूर्व केवल इस बारे में जांच कर सकता है कि उक्त दस्तावेज को वास्तव में उन्हीं व्यक्तियों द्वारा निष्पादित किया गया है, जिनके नाम का उल्लेख दस्तावेजों में है। इस बारे में संतुष्टि के बाद उक्त दस्तावेजों को पंजीकृत करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं है।
वाणिज्यिक कर मंत्री राठौर की पहल पर मुख्य सचिव द्वारा समस्त संभागायुक्तों और कलेक्टर्स को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गये है। राठौर ने बताया कि कलेक्टर्स द्वारा पूर्व में जारी किए गए अनाधिकृत आदेश के कारण विभागीय राजस्व पर भी फर्क पड़ा था।