छत्तीसगढ़

युवतियों का नृत्य राउत नाच के आकर्षण को और बढ़ाएगा

रायपुर
राजधानी रायपुर में 12 जनवरी से शुरू हो रहे राज्य युवा उत्सव में बिलासपुर की राउत नाच टोली अपने नृत्य कौशल और शौर्य का प्रदर्शन करेगी। राउत नाच में युवतियां भी शामिल होंगी। बिलासपुर, कोटा के डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय के युवा छात्र-छात्राएं राउत नाच का प्रदर्शन करेंगें। पारम्परिक रूप से पुरुषों द्वारा यह नृत्य किया जाता है, लेकिन युवा उत्सव में राउत नाच का प्रदर्शन करने वाली टोली में आठ युवतियां भी शामिल हैं। युवक-युवतियों का उत्साह इस नृत्य के आकर्षण को और बढ़ायेगा।

राउत नाच छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। इसमें गांवों का सीधा-सादा जीवन प्रतिबिंबित होता है। इस नृत्य-कला को छत्तीसगढ़ के लोक जीवन की नैसर्गिक पहचान कहा जाता है। राउत नाच गौ-संवर्धन और पशु-पालन से जुड़े छत्तीसगढ़ के यादव समुदाय की पहचान है। पौराणिक मान्यता है कि जब गोकुल में राक्षसों का आक्रमण बढ?े लगा तब गोकुलवासियों को अपनी रक्षा स्वयं करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अस्त्र-शस्त्र के स्थान पर डंडे से आत्मरक्षा के लिए खेल-खेल में गुर सिखाया। उसी समय से गोवर्धन पूजा के दूसरे दिन से राउत नाच किया जाता है। मिट्टी से जुड़े इस नृत्य और शौर्य प्रदर्शन को लेकर गांवों में खासा उत्साह रहता है। राउत नाच में लोक शिल्प, लोक संगीत, लोक साहित्य, लोक नृत्य का अद्भुत सामंजस्य है। वास्तव में राउत नाच एक सम्पूर्ण कला का रूप है।

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