नई दिल्ली
हिंदू धर्म को लेकर एक मान्यता सदियों से चली आ रही है इस धर्म से जुड़ी अधिकांश संस्कृति पवित्र नदियों के तट पर विकसित हुई है। इसी क्रम में माघ मेले की शुरुआत हुई। पौष माष की पूर्णिमा से शुरू होकर माघ मेला इस साल 10 जनवरी यानी आज से लेकर 21 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस भव्य और विशाल मेले का आयोजन हर साल प्रयागराज में संगम के तट पर होता है। इस बार मेले की शुरुआत के दिन चंद्रगहण भी है।
संगम तट पर कल्पवास
माघ मेले के दौरान संगम तट पर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए श्रद्धालु कुछ दिनों के लिए वास करते हैं। आस्था की दृष्टि से इसे ‘कल्पवास’ कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर पौष पूर्णिमा से ही संगम के तट पर श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला आरंभ हो जाता है। जो कि पूरे माघ माह से लेकर महाशिवरात्रि तक चलता है। मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने में मोक्षदायिनी मां गंगा का स्नान विशेष और शुभफलदायी माना जाता है। माघ के महीने में स्नान को लेकर कुछ विशेष तिथियां होती हैं। जिनका विवरण निम्न है।
स्नान की विशेष तिथियां
पौष पूर्णिमा- 10 जनवरी (शुक्रवार)
मकर संक्रांति- 15 जनवरी (बुधवार)
मौनी अमावस्या- 24 जनवरी (शुक्रवार)
बसंत पंचमी- 30 जनवरी (मंगलवार)
माघी पूर्णिमा- 9 फरवरी (रविवार)
महाशिवरात्रि- 21 फरवरी (शुक्रवार)
मौनी अमावस्या है बेहद शुभ संयोग
यदि आप माघ के महीने में मोक्ष प्राप्त करने के लिए स्नान के बारे में विचार कर रहे हैं, तो इसके लिए आप मौनी अमावस्या की शुभ तिथि चुन सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर देवता धरती पर रूप बदलकर आते हैं और संगम में स्नान करते हैं।