अमेरिका
अमेरिका और ईरान के बीच चल रही तनातनी के बीच तेहरान में यूक्रेन का यात्री विमान उड़ान भरते ही हादसे का शिकार हो गया था. इस विमान हादसे में सभी 176 यात्रियों की मौत हो गई थी. अब अमेरिका और कनाडा ने इसे हादसा नहीं, हमला बताया है. दोनों देशों ने ईरान पर इसे मार गिराने का आरोप लगाया है. वहीं यूक्रेन ने भी हादसे की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र बिना शर्त के सहयोग मांगा है.
ईरान ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे अफवाह बताया है. ईरान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय कई अन्य फ्लाइट्स भी समान ऊंचाई पर उड़ान भर रही थी. हम यूक्रेन के साथ विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच कर रहे हैं. यदि जरूरत पड़ी तो हम इसके डेटा का फ्रांस या किसी अन्य देश में भी विश्लेषण कराने को तैयार हैं. ईरान ने जांच के लिए बोइंग के दल को भी आमंत्रित किया है.
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस बात की संभावना अधिक है कि यूक्रेनी विमान को ईरान ने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया हो. ईरान की ओर से अमेरिकी ड्रोन हमले में अपने शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराए जाने के बाद इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के कुछ घंटों बाद ही यह दुर्घटना हुई.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि हमारे पास कई स्रोतों से खुफिया जानकारी है. उन्होंने कहा कि हादसे के साक्ष्य भी यह इशारा करते हैं कि विमान को सतह से हवा में मार करने वाली एक ईरानी मिसाइल से मार गिराया गया. कनाडा के पीएम ने इस विमान हादसे की व्यापक जांच कराए जाने की मांग की है.
अमेरिका ने जहां विमान को मार गिराए जाने की आशंका जताई है, वहीं अब यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र से सहयोग मांगा है. यूक्रेन ने विमान हादसे की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र से बिना शर्त सहयोग मांगा है.
दूसरी तरफ ईरान ने विमान हादसे की जांच के लिए बोईंग के अधिकारियों को आमंत्रित किया है. ईरान ने कनाडा के प्रधानमंत्री से भी हादसे के पीछे उसका हाथ होने संबंधी रिपोर्ट देने को कहा है.
परांड शहर के पास दुर्घनाग्रस्त हुआ था विमान
यूक्रेन का बोइंग 737 विमान बुधवार को रोबत करीम काउंटी के परांड शहर के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. तेहरान के इमाम खुमैनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इस विमान का निर्माण साल 2016 में बोइंग ने किया था. इस विमान में ईरान के 82, यूक्रेन के 11, कनाडा के 63, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान और जर्मनी के 4- 4, ब्रिटेन के 3 नागरिकों समेत कुल 176 यात्री सवार थे. हादसे में सभी यात्रियों की मौत हो गई थी. ईरान ने हादसे के पीछे तकनीकी खामी को वजह बताया था, जबकि यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन्स ने दावा किया था कि विमान की हादसे से दो दिन पहले ही तकनीकी जांच की गई थी.