भोपाल
वन मंत्री उमंग सिंघार ने बताया है कि वानिकी वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में इमारती लकड़ी का 56 प्रतिशत, जलाऊ चट्टों का 30 प्रतिशत और बाँस का 26 प्रतिशत अधिक उत्पादन हुआ है। उन्होंने बताया कि वानिकी वर्ष 2018-19 में इमारती लकड़ी का उत्पादन 2 लाख 72 हजार घन मीटर, जलाऊ चट्टों का 1 लाख 62 हजार और बाँस का 34 हजार विक्रय इकाई उत्पादन हुआ। इसकी तुलना में वानिकी वर्ष 2017-18 में 1 लाख 74 हजार घन मीटर इमारती लकड़ी, 1 लाख 25 हजार जलाऊ चट्टे और 27 हजार विक्रय इकाई बाँस का उत्पादन हुआ था। उल्लेखनीय है कि वानिकी वर्ष की गणना जुलाई से जून माह तक और विदोहन की गणना अक्टूबर से सितम्बर माह तक की जाती है।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एस.पी. शर्मा ने बताया कि वन विभाग द्वारा कार्यों की सतत समीक्षा कर गुणवत्ता में नियंत्रण रखने से उत्पादन में वृद्धि संभव हो सकी है। जलाऊ काष्ठ की तुलना में महंगी इमारती लकड़ी की मात्रा में अधिक वृद्धि गुणवत्ता प्रयासों के लिए किए गए प्रयासों की सार्थकता को रेखांकित करती है। पिछले सालों में सिंचाई की आवश्यकता वाले और नक्सली इलाकों में बड़ी संख्या में कुओं के निर्माण के भी काफी अच्छे परिणाम मिले हैं।