भोपाल
प्रदेश में तीन दर्जन से ज्यादा पुलिस अफसर जिलों की कमान थामने की दौड़ में शामिल हैं। ये वे अफसर जो मैदानी पोस्टिंग से इस वक्त दूर हैं। इसमें वर्ष 2007 से 2014 बैच तक के आईपीएस अफसर शामिल हैं। इन अफसरों ने एआईजी, विभिन्न बटालियनों में कमांडेंट और हाल ही में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस बने अधिकारी हैं। इनमें से अधिकांश जिला चाहते हैं। प्रदेश के जिलों में 56 पुलिस अधीक्षक पदस्थ किए जाते हैं। इनमें से भोपाल और इंदौर में तीन-तीन एसपी पदस्थ हैं। प्रदेश में इतने अफसरों के मैदान में पदस्थ होने के साथ ही फिलहाल 40 अफसर ऐसे हैं, जो इन दिनों पुलिस अधीक्षक बनने की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं। इनमें से कई अफसर प्रदेश की विभिन्न पुलिस बटालियनों में बतौर कमांडेंट पदस्थ हैं, जबकि कुछ पुलिस मुख्यालय और अन्य स्थानों पर एआईजी के पद पर हैं। जबकि कुछ अफसर नान कॉडर की जगह पर पदस्थ हैं। इनमें से अधिकांश अफसर अब पुलिस अधीक्षक बनने के लिए अपने-अपने तरह से प्रयास कर रहे हैं। हालांकि सभी अफसरों को जिला मिलना संभव नहीं है, लेकिन कुछ अफसरों को जल्द ही जिलों में कप्तानी करने का मौका मिल सकता है।
हाल ही में राज्य पुलिस सेवा से आईपीए बने आठ अफसर भी अब पुलिस अधीक्षक बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। इनमें सुशील रंजन सिंह, संजय सिंह, आलोक कुमार, रघुवंश सिंह, विकास पाठक, श्रद्धा तिवारी, वैष्णव शर्मा, सिद्धार्थ चौधरी शामिल हैं।
वर्ष 2007 बैच के कुमार सौरभ, जेएस राजपूत, कृष्णावैनी देसवातु, 2009 बैच के तरुण नायक,शशिकांत शुक्ला, संतोष सिंह गौर, ओमप्रकाश त्रिपाठी,अनिता मालवीय, एसके पांडे, प्रशांत खरे, मनोज सिंह, सुनील कुमार जैन, मनीष अग्रवाल, महेश चंद जैन, सत्येंद्र कुमार शुक्ला,अतुल सिंह, 2010 बैच के आशुतोष प्रताप सिंह, सिद्धार्थ बहुगुणा, निमेश अग्रवाल, हेमंत चौहान, विजय खत्री, राजेश सिंह, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया। 2011 बैच की सिमाला प्रसाद, 2012 बैच के विवेक अग्रवाल, 2013 बैच के पंकज कुमावत, यांगचेन डोलकर भूटिया, वर्ष 2014 के सांई कृष्ण थोटा, आशुतोष, दीपक शुक्ला, अमन सिंह राठौर, वानी सिंह, मनोज कुमार श्रीवास्तव।