जम्मू
पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि अनुच्छेद 370 को हटाया जाता है तो जम्मू-कश्मीर में कोई भी तिरंगा उठाने वाला नहीं होगा। उन्होंने इस बयान को अनुच्छेद 370 हटाए जाने और दो केंद्र शासित राज्यों में तब्दील किए जाने का जिम्मेदार बताया।
उन्होंने गुरुवार दोपहर कहा, 'जब उन्होंने (महबूबा मुफ्ती) यह टिप्पणी की थी, तब मैं वहां नहीं था। लेकिन उनकी यह टिप्पणी भड़काऊ थी जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया।' पिछले साल पांच अगस्त को निरस्त किए गए अनुच्छेद 370 के बाद पहली बार किसी पीडीपी के वरिष्ठ नेता ने मीडिया को संबोधित किया।
उन्होंने महबूबा मुफ्ती के बयान को लेकर कहा कि कोई भी पीएम और गृह मंत्री को डरा नहीं सकता है। बेग भी वे नेता हैं, जिन्हें अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद हाउस अरेस्ट किया गया था। उन्होंने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी पर अफसोस जताया।
उन्होंने कहा, 'उन्होंने भारतीय संविधान के तहत शपथ ली है और फारूक अब्दुल्ला तो भारत माता की जय बोलते आए हैं। ये नेता और पूर्व विधायक संविधान की शपथ लेते रहे हैं। वे हुर्रियत के खिलाफ खड़े हुए और उग्रवादियों से लड़े हैं। हमने अपने रिश्तेदारों को खो दिया। अब उन सभी को 4 अगस्त से हिरासत में लिया गया है।
बेग ने कहा कि जब फारूक अब्दुल्ला के एक दोस्त ने धारा 107 (तब आरपीसी, अब आईपीसी) के तहत एक याचिका दायर की, जिसमें एक पूर्व सीएम और मौजूदा सांसद को हिरासत में लेने पर सवाल उठाया गया तो सरकार ने पीएसए लगा दिया।
उन्होंने कहा कि कई और जो ऐसा करने की सोच रहे थे, उन्होंने पीएसए की वजह से होने के डर से इस विचार को छोड़ दिया। उन्होंने आगे कहा कि मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि हिरासत में लिए गए नेताओं को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उनपर राजद्रोह का मुकदमा दायर किया जाए और उन्हें मुकदमों का सामना करने दिया जाएगा।