नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू परिसर में रविवार की शाम उस वक्त हिंसा भड़क गयी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। जेएनयू में छात्रों के साथ हुई मारपीट और हिंसा की खबरों के बीच जएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की प्रतिक्रिया आई है। कन्हैया कुमार ने जेएनयू हिंसा को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से देश के हर कोने में देश के विद्यार्थियों के खिलाफ जंग इन्होंने छेड़ दी है।
जेएनयू हिंसा पर कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया, 'कितनी बेशर्म सरकार है, पहले फ़ीस बढ़ाती है, विद्यार्थी विरोध करें तो पुलिस से पिटवाती है और छात्र तब भी ना झुके, तो अपने गुंडे भेजकर हमला करवाती है. जब से सत्ता में आए हैं, तब से देश के हर कोने में देश के विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ इन्होने जंग छेड़ रखी है।'
वह आगे लिखते हैं, 'सुनो साहेब, TV से जितना झूठ फैलाना है, फैला लो! जितना बदनाम करना है, कर लो! इतिहास यही कहेगा कि आपकी सरकार ग़रीबों के बच्चों के पढ़ने के ख़िलाफ़ थी और देश के विद्यार्थी आपकी इस साज़िश के ख़िलाफ़ उठ खड़े हुए क्योंकि उनकी रगों में गांधी, अम्बेडकर, भगतसिंह और अश्फ़ाक का ख़ून है।'
कितनी बेशर्म सरकार है, पहले फ़ीस बढ़ाती है, विद्यार्थी विरोध करें तो पुलिस से पिटवाती है और छात्र तब भी ना झुके, तो अपने गुंडे भेजकर हमला करवाती है। जब से सत्ता में आए हैं, तब से देश के हर कोने में देश के विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ इन्होने जंग छेड़ रखी है।
गौरतलब है कि हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गये जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। ऑनलाइन साझा किए गए एक वीडियो में, घोष के सिर से खून बहते देखा जा सकता है। वीडियो में वह कहती सुनाई दे रही हैं, ''मास्क पहने हुए लोगों ने मुझे बेरहमी से पीटा। जब मुझसे मारपीट की गई तब मैं अपने एक कार्यकर्ता के साथ थी। मैं बात तक करने की हालत में नहीं हूं।
जेएनयूएसयू ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य मुखौटे पहने हुए लाठी, छड़ और हथौड़े के साथ परिसर में घूम रहे थे। जेएनयूएसयू ने दावा किया, "वे पत्थर फेंक रहे थे… छात्रावासों में घुस रहे हैं और छात्रों की पिटाई कर रहे हैं। कई शिक्षकों को भी पीटा गया है।" अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि हिंसा के पीछे वामपंथी छात्र संगठनों का हाथ है।
एबीवीपी ने दावा किया कि हमले में लगभग 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और 11 छात्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एबीवीपी के कई सदस्यों पर छात्रावासों में हमला किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के बाहर रविवार को कथित तौर पर हमला किया गया। योगेंद्र यादव ने कहा कि वहां गुंडागर्दी को रोकने के लिए कोई नहीं था और उन्हें मीडिया से बात नहीं करने दिया गया।