नई दिल्ली
देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है। नकाबपोशों और छात्रों के बीच हुई मारपीट के खिलाफ पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से लेकर मुम्बई तक इसके खिलाफ आवाज उठ रही है।
मुम्बई में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने विभिन्न कॉलेज के छात्रों ने जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया है। सभी ने एक मत में इस हिंसा निंद की है। इसके साथ ही जामिया समन्वय समिति (JCC) ने कहा है कि हमले के जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जेएनयू हिंसा के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला और जमकर नारेबाजी की। वहीं, गृह मंत्रालय ने पुलिस और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है। गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस आयुक्त से बात कर जांच रिपोर्ट तलब की है। घटना की जांच वेस्टर्न रेंज की ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शालिनी सिंह करेंगी।
जेएनयू में भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने इलाके में कई जगहों पर बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी है। एहतियातन स्थानीय पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों सहित करीब चार अतिरिक्त कंपनी तैनात कर दी गई हैं। वहीं, कई इलाके के ज्वाइंट कमिश्नर सहित आसपास के जिलों डीसीपी, एडिशल डीसीपी व एसीपी स्तर अधिकारियों को भी बुला लिया गया है।
CCTV को कब्जे में लिया गया
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी को कब्जे में ले लिया है। दरअसल, छात्रों के वाम संगठन और एबीवीपी दोनों ही तरफ से एक दूसरे पर हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसलिए हमलोगों आरोप-प्रत्यारोपों को देखते हुए अपनी जांच आगे बढ़ा रहे हैं।