छत्तीसगढ़

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऊर्जा पार्क के पास फास्ट चार्जिंग स्टेशन

रायपुर
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए छत्तीसगढ़ में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत एवं ऊर्जा संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। राजधानी रायपुर में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग हेतु व्हीआईपी रोड, ऊर्जा पार्क के पास एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की गई है। फास्ट चार्जिंग स्टेशन में इलेक्ट्रिक वाहनों के नि:शुल्क चार्ज की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य से पहली बैटरी चलित इलेक्ट्रिक कार का क्रय ईईएसएल से किया गया है। क्रेडा द्वारा यह निर्णय लया गया है कि भविष्य में वाहनों के निष्प्रयोज्य होने पर केवल इलेक्ट्रिक कार का ही क्रय किया जाएगा जिसका अनुसरण अन्य विभागों को भी किये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे जहां पर्यावरण संरक्षण होगा वहीं वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण स्तर में कमी लायी जा सकेगी।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों और ऊर्जा संरक्षण परियोजना अंतर्गत भारत सरकार के नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान 2020 के अंतर्गत आम जनता के बीच इन वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। क्रेडा द्वारा महिन्द्रा से 5 इलेक्ट्रिक आटो रिक्शाओं का क्रय भी किया गया है जिनका उपयोग राज्य के विभिन्न प्रमुख शहरों में स्थापित क्रेडा अक्षय ऊर्जा शिक्षा उद्यान में किया जाएगा। ईईएसएल द्वारा 5 वर्षों तक फ्री मेन्टेनेन्श की शर्त के साथ वाहन प्रदाय किया गया है। क्रेडा द्वारा बैटरी चलित वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराने के दिशा में कार्य करते हुए सौर ऊर्जा चार्जिंग स्टेशन विकसित करने की योजना प्रस्तावित की जा रही है। चार्जिंग स्टेशनों की सुविधा बढ?े से बैटरी चलित वाहनों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

ईईएसएल के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि उक्त वाहन के एक बार चार्जिंग करने पर लगभग 140 किमी तक का सफर किया जा सकता है जिससे लगभग 7 से 10 लीटर ईंधन की बचत की जा सकती है। वाहन को फास्ट चार्जिंग स्टेशन से एक बार फुल चार्ज करने में लगभग 80 मिनट का समय लगता है, जिसमें 16 यूनिट विद्युत की खपत होती है। इस प्रकार इस वाहन में लगभग 90 पैसे प्रति कि.मी. का व्यय होता है। अत: वाहन के सतत् उपयोग करने पर लगभग रू. 1.5 लाख प्रतिवर्ष की बचत की जा सकती है। ई-व्हीकल के उपयोग करने से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नही होता है। इसके अतिरिक्त ई-व्हीकल के 1 लाख किलोमीटर चलने से 10 टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन की बचत होगी। 10 टन कार्बन डाईआक्साइड को अवशोषित करने के लिए 500 वृ़़क्षों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से ई-व्हीकल बहुत उपयोगी है।

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