मुंबई
महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच चल रही नाराजगी अब खत्म होती नजर आ रही है। तीनों ही दलों के नेताओं ने विभागों के आवंटन को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को मैराथन बैठकें कीं। सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के बीच आम सहमति बन गई है और गुरुवार को मंत्रियों के विभागों का ऐलान हो सकता है। इससे पहले मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार किया गया था लेकिन खींचतान की वजह से विभाग बांटे नहीं जा सके थे।
राज्य में अब मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर अब 43 हो गई है। इनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ कई दौर की बातचीत की। एक सूत्र ने कहा, ‘मंत्रियों के विभागों के आवंटन को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है। आवंटन के बारे में कल घोषणा होने की उम्मीद है।’
पुणे कांग्रेस कार्यालय में जमकर तोड़फोड़
उन्होंने कहा कि जिला प्रभारी मंत्रियों और कैबिनेट बैठकों में मंत्रियों के बैठने की व्यवस्था को बुधवार को अंतिम रूप दिया गया। कांग्रेस की ओर से अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट, विजय वडेट्टीवार और नितिन राउत ने जबकि एनसीपी की ओर से जयंत पाटिल और अजीत पवार तथा एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की ओर से सीएम उद्धव ठाकरे से बातचीत की।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस बात से नाराज है कि उसे कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग नहीं मिला है। सूत्रों ने कहा, ‘हम अन्य दो दलों के साथ विभागों की अदला-बदली कर सकते हैं। हम विभागों की संख्या में वृद्धि की मांग नहीं कर रहे हैं।’ तीनों दलों को ऐसे नेताओं के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे विधायकों में कांग्रेस के संग्राम थोप्टे शामिल हैं जिनके समर्थकों ने मंगलवार को पुणे कांग्रेस कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की।
असंतुष्ट नेताओं में एनसीपी के प्रकाश सोलंकी भी शामिल हैं। दोनों दलों का कहना है कि उन्हें मना लिया गया है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना के तानाजी सावंत भी मंत्रिमंडल विस्तार में नजरअंदाज किए जाने से नाखुश हैं। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शिवसेना में शामिल हुए भास्कर जाधव ने दावा किया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ प्रतिबद्धताएं जतायी थीं, इसलिए उन्हें भरोसा था कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा लेकिन मंत्री नहीं बनाया जाना उनके लिए झटका था।
राउत के फेसबुक पोस्ट से बढ़ा सस्पेंस
कहा जाता है कि लगभग एक दर्जन शिवसेना विधायक मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज हैं। उधर, उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल विस्तार में भाई सुनील राउत को जगह न मिलने से नाराजगी की खबरों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत के नए साल पर फेसबुक पोस्ट से सस्पेंस बढ़ गया है। राउत ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 'हमेशा ऐसे व्यक्ति को संभाल कर रखिए, जिसने आप को ए तीन भेंट दी हो, साथ ,समय और समर्पण…।'
राउत के इस पोस्ट को शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तरफ इशारा के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि, उद्धव को मुख्यमंत्री बनाने में भले ही एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की भूमिका अहम थी, लेकिन समर्पण संजय राउत का ही था। राउत ने विधानसभा चुनाव परिणाम आने के दिन से उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने तक उनका पक्ष लोगों के सामने रखा। बीजेपी से ढाई साल मुख्यमंत्री पद की मांग और एनसीपी-कांग्रेस से सरकार गठन के लिए बातचीत में राउत आगे-आगे रहे।