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₹130 में देखें 200 टीवी चैनल, ट्राई का नया नियम

नई दिल्ली
टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने ब्रॉडकास्ट सेक्टर से जुड़े टैरिफ नियमों में कुछ बदलाव किए थे। अप्रैल, 2019 में नए नियम लागू होने के बाद डीटीएच प्लान्स में पूरी तरह नए बदलाव कस्मटर्स के लिए किए गए और टीवी व्यूअर्स के मंथली बिल पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा। इस मामले पर ध्यान देते हुए ट्राई की ओर से एक फैसला लिया गया है, जिससे डीटीएच कस्टमर्स का खर्च (टैक्स के साथ) 160 रुपये प्रतिमाह तक घट जाएगा।

अगर सब्सक्राइबर्स डीटीएच प्रोवाइडर को प्रतिमाह 130 रुपये (बिना टैक्स के) की नेटवर्क कपैसिटी फीस (एनसीएफ) दे रहे हैं, तो डिस्ट्रिब्यूशन प्लैटफॉर्म ऑपरेटर्स या टीवी सर्विस प्रोवाइडर्स को कम से कम 200 चैनल्स अपने कस्टमर्स को देने होंगे। एनएफसी वह रकम है, जो डीटीएच कनेक्शन ऐक्टिव रखने के लिए कस्टमर्स को अपने सर्विस प्रोवाइडर को देनी पड़ती है। बताते चलें, मिनिस्ट्री की ओर से अनिवार्य तौर पर दिखाए जाने वाले गए चैनल इन 200 चैनलों की लिस्ट में नहीं गिने जाएंगे।

2017 के ऑर्डर पर लिया गया फैसला
ट्राई की ओर से अब लिया गया यह फैसला 2017 से जुड़े एक टैरिफ ऑर्डर पर लिया गया है और इसे 1 मार्च, 2020 से लागू किया जाएगा। बता दें, यूजर्स को टीवी देखने के लिए दो तरह के बिल के भुगतान करना होता है। इसमें पहला एनसीएफ चार्ज और दूसरा कॉन्टेंट चार्ज है। यूजर द्वारा दिया जाने वाला कॉन्टेंट चार्ज टीवी चैनल के ब्रॉडकास्टर के खाते में जाता है। एनसीएफ चार्ज वह चार्ज है जो चैनल दिखाने के लिए डीटीएच या केबल ऑपरेटर को दिया जाता है। इसमें 100 चैनल के लिए यूजर्स को हर महीने 153 रुपये देने ही होते हैं।

एक से ज्यादा कनेक्शन पर यह नियम
रेग्युलेटर ने एक बयान में कहा कि कई टीवी वाले घर यानी जहां एक से अधिक टीवी कनेक्शन एक व्यक्ति के नाम पर हैं, वहां दूसरे और अतिरिक्त टीवी कनेक्शनों के लिए घोषित नेटवर्क क्षमता शुल्क (एनसीएफ) का अधिक 40 प्रतिशत तक लिया जाएगा। विभिन्न प्रावधानों की समीक्षा के बाद ट्राई ने 200 चैनलों के लिए अधिकतम एनसीएफ शुल्क (टैक्स के बिना) को घटाकर 130 रुपये कर दिया है। इसके अलावा ट्राई ने वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानी छह महीने अथवा अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दे दी है।

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