मुंबई
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों में असंतोष दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। पार्टी में कलह की स्थिति बन गई है। पुणे के विधायक संग्राम थोपटे के समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ की, क्योंकि उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया। थोपटे ही नहीं, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे को भी मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया।
संग्राम थोपटे के समर्थकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखा है, जबकि कुछ ने पार्टी के प्रति विद्रोही रवैया दिखाया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इन लोगों से पार्टी के भीतर कर्नाटक जैसे किसी प्रकार के विद्रोह को खत्म करने के लिए बात करेंगे।
थोराट ने खारिज की असंतुष्टि की बात
वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बाला साहेब थोराट ने बुधवार को पार्टी के अंदर विधायकों की असंतुष्टि की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। थोराट ने संग्राम थोपटे के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'मैंने उनसे (थोपटे से) बात की है। कांग्रेस एक परिवार जैसा है और उन्हें उनका हक मिलेगा।' थोराट ने आगे कहा कि चूंकि प्रदेश में तीन पार्टियों की सरकार है, ऐसे में हमें कम मंत्रीपद मिला है।
वरिष्ठ नेता भी नाराज
संग्राम थोपटे के अलावा कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उद्धव सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर नाराज हैं। बताया जा रहा है कि सुशील कुमार शिंदे, पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण जैसे सीनियर कांग्रेस लीडर मंत्री पद के बंटवारे में अपनी अनदेखी को लेकर नाराजगी जाहिर करने के लिए सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं।
पोर्टफोलियों को लेकर भी दिक्कत
वहीं, मंत्री पद पाए कांग्रेस नेताओं में भी अपने कैबिनेट पोर्टफोलियों को लेकर नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्व मंत्रालय को लेकर कांग्रेस-एनसीपी आमने-सामने हैं। इसे लेकर दोनों दलों के नेताओं ने सीएम उद्धव ठाकरे से संपर्क साधने की कोशिश की है, और अपील की है कि पार्टी के बड़े नेताओं को उनके कद के मुताबिक मंत्री पद आवंटित किए जाएं।