इंदौर
दिमागी रूप से मृत (Brain Dead) 75 साल के एक व्यक्ति के अंगदान (Organ Donation) से बुधवार को इंदौर (Indore) में तीन जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिलने की राह आसान हो गई. बुजुर्ग रखबचंद जैन तलेरा का लीवर और दोनों किडनी इन मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किए गए.
अंगदान को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के साथ काम कर रहे स्वयंसेवी संगठन 'मुस्कान' ग्रुप के कार्यकर्ता जीतू बगानी ने बताया कि यहां एक हादसे में घायल होने के बाद अस्पताल में दिमागी रूप से मृत घोषित किए गए तलेरा का लीवर 50 साल के एक आदमी को प्रत्यारोपित किया गया. उन्होंने बताया, 'अलग-अलग अस्पतालों में हुए प्रत्यारोपण ऑपरेशनों के दौरान तलेरा की एक किडनी 35 वर्षीय पुरुष के शरीर में लगाई गई, जबकि उनकी अन्य किडनी 44 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपित की गई.'
तलेरा के बड़े बेटे संजय ने बताया कि उनके पिता पेशे से कपड़ा कारोबारी थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में ही इच्छा जता दी थी कि उनकी मौत के बाद उनके अंग दान कर दिए जाएं. कपड़ा कारोबारी ने वर्ष 2009 में मृत्युपरांत अंगदान का पंजीयन फॉर्म भी भर दिया था. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा कर दिया है. वह अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन हमें इस बात का संतोष है कि उनके अंग दूसरे लोगों के शरीर का हिस्सा बनकर उन्हें नई जिंदगी दे रहे हैं.'
संजय ने बताया कि उनके पिता के अधिक उम्र में निधन के बाद भी प्रत्यारोपण के लिए उनके अंग मेडिकल जांच में मुफीद पाए गए. इसका कारण यह है कि जानलेवा हादसे से पहले तक उनकी दिनचर्या एकदम नियमित थी और उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी.
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को मलबा गिरने से तलेरा बुरी तरह घायल हो गए थे. लगातार इलाज के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था.