नई दिल्ली
देश की स्क्रैपेज पॉलिसी लगभग तैयार हो चुकी है और इसे बस केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने भर की देरी है। इसके पहले खबर आई है कि इस पॉलिसी में पुरानी कॉमर्शियल गाड़ियों को रोड से हटाने की तैयारी है। यह पॉलिसी पुरानी कॉमर्शियल गाड़ियां, जो प्रदूषण फैलाने में बड़ी भूमिका रखती हैं, उन्हें बंद करने पर फोकस करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस पॉलिसी में पुरानी कॉमर्शियल गाड़ियों के स्क्रैपेज और कॉमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री को रिवाइव करने पर फोकस रहेगा। एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि यह पॉलिसी तैयार है, इसे बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है, जो जल्द ही मिलने वाला है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पॉलिसी में 15 साल पुरानी कॉमर्शियल गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के रिन्युअल फीस को बढ़ाने को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे गाड़ियों के पुरानी होने पर इन्हें रिप्लेस करने के लिए ओनर्स को उत्साहित किया जा सकेगा। एक अधिकारी ने बताया कि इस पॉलिसी की योजना मुश्किलों से जूझ रहे कॉमर्शियल व्हीकल सेक्टर को रिवाइव करने के लिए बूस्ट देना है ताकि इंडस्ट्री में इकोनॉमिक एक्टिविटी और फ्राइट मूवमेंट में तेजी आए। उन्होंने बताया कि विचार है कि पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाया जाए क्योंकि उनकी वजह से काफी प्रदूषण होता है।
सरकार की योजना इंसेंटिव आॅफर करने की नहीं है, हालांकि गाड़ी खरीदते हुए स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाने पर स्टेट रोड टैक्स में छूट मिल सकती है। बता दें कि इस साल अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में नई स्क्रैपेज पॉलिसी लाने को लेकर घोषणा की थी।