नई दिल्ली
हर साल की तरह इस बार भी ठंड व कोहरा शुरू होने पर यात्री ट्रेन का परिचालन पटरी से पूरी तरह उतर गया है। रेलवे ने दिसंबर से ही उत्तर भारत में यात्री ट्रेन रद्द करना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में बुधवार को रिकॉर्ड 528 यात्री ट्रेन आंशिक व पूर्ण रूप से रद्द कर दी गई।
हालांकि रेलवे दावा करती है कि फॉगसेफ डिवाइस की मदद से घने कोहरे में भी यात्री ट्रेन समय पर चलाई जा सकेंगी। ट्रेन के रद्द करने से लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को 372 ट्रेन पूर्ण रूप व 156 ट्रेन आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं। प्रभावित ट्रेन में मेल-एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।
प्रमुख ट्रेन में लखनऊ-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस, देहरादून-काठगोदाम, देहरादून-नई दिल्ली-जनशताब्दी, नई दिल्ली-राजेंद्र नगर-संपूर्ण क्रांति, हावड़ा-हरिद्वार-कुंभ एक्सप्रेस, देहरादून-हावड़ा-उपासना एक्सप्रेस, लखनऊ-आगरा-इंटरसिटी, कामख्या-आनंद विहार-नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस, मुजफ्फरपुर-आनंद विहार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, गोरखपुर-आनंद विहार-हमसफर एक्सप्रेस, मुंबई-गोरखपुर-अंत्योदय एक्सप्रेस, दिल्ली-देहरादून-मंसूरी एक्सप्रेस आदि शामिल हैं।
जानकारों का कहना है कि हर साल रेलवे 10,000 से अधिक यात्री ट्रेन का मार्ग परिवर्तन व आंशिक-पूर्ण रूप से रद्द करता है। इस कारण करोड़ों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं रेलवे को टिकट रद्द कराने से करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान होता है। हर रोज चलने वाली प्रीमियम ट्रेन राजधानी, शताब्दी, दुरंतो का समयपालन बिगड़ जाता है। यह ट्रेन दो से पांच घंटे की देरी से चल रही हैं। रेलवे ने कई वर्ष पूर्व फॉगसेफ डिवाइस तकनीक को लागू कर दिया था। इसके बाजवूद हर साल सैकड़ों ट्रेन रद्द हो रही हैं।