प्रदूषण से जंग: खतरनाक श्रेणी से नीचे नहीं आ रहा पटना का वायु प्रदूषण

पटना 
नवंबर से जनवरी महीने तक पिछले कई वर्षों से पटना के लोगों के लिए वायु प्रदूषण परेशानी का मुख्य कारण बना हुआ है। सरकार की ओर से की जा रही पहल के बावजूद  वायु प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आयी है। 

सड़क के किनारे धूलकण, बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्य और खुले में कूड़े-कचरे का निपटारा होने से ऐसी स्थिति बनी हुई है। एक दिसंबर से लेकर अभी तक पटना के वायु प्रदूषण में कोई कमी नहीं आयी है। पिछले 60 दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा है, जिस दिन पटना की हवा संतोषजनक हो। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा जारी राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक पिछले दो महीने पटना की हवा या तो बहुत खराब रही है या तो खतरनाक श्रेणी में।

मंगलवार को भी पटना देश का सबसे अधिक वायु प्रदूषित वाला शहर बना हुआ है। पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक 428, मुजफ्फरपुर का 408 और गया का 247 सूचकांक है। पटना और मुजफ्फरपुर दोनों जगह वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।    

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