अगर कोई महिला ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है और उसका कीमोथेरपी का सेशन चल रहा है तो इस दौरान उन्हें भूल से भी विटमिन सप्लिमेंट्स या ऐंटिऑक्सिडेंट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बीमारी के वापस लौटने और मौत का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि विटमिन की गोलियों का सेवन करने से कैंसर से मौत का रिस्क बढ़ जाता है।
सप्लिमेंट्स, ट्रीटमेंट में करते हैं इंटरफेयर
स्टडी में कहा गया है कि डॉक्टरों को मरीजों को कीमोथेरपी के दौरान किसी भी तरह का सप्लिमेंट्स लेने से रोक देना चाहिए। स्टडी में यह बात सामने आयी है और नए सबूत भी मिले हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि विटमिन सप्लिमेंट्स का सेवन कीमोथेरपी ट्रीटमेंट के बीच दखलअंदाजी करता है जिस वजह से मौत का खतरा बढ़ जाता है।
कीमो दवा से ठीक उलटा असर करते हैं ऐंटिऑक्सिडेंट्स
वैज्ञानिकों की मानें तो ऐंटिऑक्सिडेंट्स कीमोथेरपी को कम प्रभावी बना देता है क्योंकि कीमो की दवाइयां हमारे शरीर पर जो असर करती हैं, ऐंटिऑक्सिडेंट्स इसका बिलकुल उल्टा असर करते हैं। न्यू यॉर्क स्थित रॉसवेल पार्क कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर के अनुसंधानकर्ता कहते हैं कि कीमोथेरपी की पूरी प्रक्रिया ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस पर निर्भर है जबकी ऐंटिऑक्सिडेंट्स, विटमिन ए, सी, ई और बी12, ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को होने से रोक देता है।
बीमारी के वापस लौटने का खतरा 41 प्रतिशत अधिक
इस स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने 1 हजार 134 मरीजों पर फोकस किया और 6 साल तक मरीजों पर नजर रखी गई। इस दौरान स्टडी में शामिल प्रतिभागियों ने सप्लिमेंट्स के यूज, उनकी लाइफस्टाइल, डायट और एक्सर्साइज हैबिट्स के बारे में कई सवाल पूछे गए। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों ने कीमोथेरपी के दौरान ऐंटिऑक्सिडेंट्स का सेवन किया उनमें ब्रेस्ट कैंसर के वापस लौटने का खतरा 41 प्रतिशत तक बढ़ गया। साथ ही उनकी मौत की आशंका भी 40 प्रतिशत बढ़ गई उन मरीजों की तुलना में जिन्होंने सप्लिमेंट्स का सेवन नहीं किया।